84 सिख दंगों के आरोपी कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की अग्रिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
By भाषा | Published: July 5, 2018 09:57 PM2018-07-05T21:57:32+5:302018-07-05T21:57:32+5:30
शीर्ष अदालत ने कहा कि इस घटना के 34 साल पूरे हो चुके हैं और समय आ गया है कि इन मामलों की सुनवाई पूरी कर उन्हें तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाये।
नई दिल्ली, 5 जुलाई: उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में आरोपी कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को मिली अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली विशेष जांच दल (एसआईटी) की एक याचिका पर सुनवाई पर सहमति जताई। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस घटना के 34 साल पूरे हो चुके हैं और समय आ गया है कि इन मामलों की सुनवाई पूरी कर उन्हें तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाये।
न्यायमूर्ति ए के सीकरी एवं न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने कुमार को नोटिस जारी करके उनसे दो सप्ताह में जवाब मांगा। पीठ ने कहा कि निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुये अग्रिम जमानत को मंजूरी देने के लिए उच्च न्यायालय ने करीब ‘‘200 पन्नों ’’ का उपयोग किया जबकि यह काम महज ‘‘40-50 पन्नों ’’ में किया जा सकता था।
सुनवाई के दौरान पीठ ने एसआईटी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सालिसिटर जनरल मनिंदर सिंह से कुमार के खिलाफ मामले की जांच के चरण के बारे में पूछा। सिंह ने कहा कि 2016 में कुमार के खिलाफ जांच शुरू हुई और अब वह वकीलों की फौज के साथ एसआईटी के पास आकर जांच अधिकारी को अपना बयान देते हैं।
एएसजी ने बताया कि उन्हें अग्रिम जमानत की मंजूरी देते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि मामले की सुनवाई में सभी बातों पर गौर किया जायेगा , लेकिन आखिर में सबूत के अभाव की बात कहकर उन्हें राहत दे दी गयी।
पीठ ने एएसजी की दलीलों पर विचार करने के बाद कुमार को नोटिस जारी किया और मामले को दो सप्ताह बाद सुनवाई के लिये रखा। 22 फरवरी को दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता कुमार को , वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों के दो मामलों में निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए अग्रिम जमानत दी थी। निचली अदालत ने उन्हें 21 दिसंबर 2016 को अग्रिम जमानत दी थी।