सुप्रीम कोर्ट ने 100 फीसदी वीवीपैट पर्चियों के मिलान की मांग खारिज की, कहा- ऐसी याचिकाएं 'बकवास'
By विनीत कुमार | Published: May 21, 2019 11:37 AM2019-05-21T11:37:59+5:302019-05-21T11:41:25+5:30
इससे पहले विपक्षी पार्टियां भी 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों के मिलान की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट जा चुकी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 100 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की जांच की एक जनहित याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। इस याचिका में मांग की गई थी कि ईवीएम मशीनों की संख्या के मुताबिक ही वीवीपैट पर्चियों का 100 फीसदी मिलान किया जाए। हालांकि, कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया। इस याचिका को चेन्नई के टेक फॉर ऑल ने दायर किया था।
कोर्ट ने साथ ही याचिका करने वाले इन टेक्नोक्रैट्स पर नाराजगी भी जताई। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, 'हम ऐसी याचिका पर बार-बार सुनवाई नहीं कर सकते। हम लोगों के अपने प्रतिनिधि चुनने के बीच में नहीं आ सकते। साथ ही कोर्ट ने इस याचिका को गैरजरूरी भी बताया।'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दखलअंदाजी से लोकतंत्र का नुकसान होगा। याचिकाकर्ता पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आप न्यूसेंस क्रिएट कर रहे हैं।
Supreme Court dismisses the petition filed by a group of technocrats seeking a direction that the number of machines subject to verification of VVPATs to be increased to 100%. A vacation bench of the Apex Court did not find any merit in the petition filed by the technocrats. pic.twitter.com/TEVcHf3VbL
— ANI (@ANI) May 21, 2019
बता दें कि इससे पहले विपक्षी पार्टियां भी 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों के मिलान की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट जा चुकी हैं। कोर्ट ने मई के शुरुआती हफ्ते में इस याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने तब सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग से इस पर जवाब मांगा था।
चुनाव आयोग ने तब कहा कि 50 फीसदी वीवीपैट के मिलान की प्रक्रिया से नतीजे आने में 5-7 दिन की देरी होगी। फिलहाल के व्यवस्था के अनुसार इस बार एक विधानसभा क्षेत्र में पांच मतदान केंद्रों के वीवीपैट के मिलान किये जाएंगे।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले ईवीएम पर तकरार जारी है। यूपी-बिहार के कई हिस्सों में विपक्ष ने ईवीएम में धांधली के प्रयास के आरोप लगाए हैं। बिहार के सारण और महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के स्ट्रॉन्ग रूम में जहां आरजेडी ने ईवीएम बदलने की कोशिशों का आरोप लगाया है वहीं, यूपी के मऊ में पुलिस को बसपा समर्थकों पर भीड़ हटाने के लिए लाठीचार्च करना पड़ा।
दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी ईवीएम की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि ईवीएम स्विच करने की खबरें आ रही हैं, लेकिन चुनाव आयोग की तरफ से कोई सफाई नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि जिस तरह एग्जिट पोल के बाद इस तरह की लहर बनाने की कोशिश हो रही है, ये एक तरह से दूसरे बालाकोट की तैयारी है।