Breaking News: अयोध्या फैसले के खिलाफ दायर सभी पुनर्विचार याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 12, 2019 04:23 PM2019-12-12T16:23:24+5:302019-12-12T19:59:18+5:30

अयोध्या भूमि विवाद पर 9 नवंबर को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल सभी पुनर्विचार याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। 

Supreme Court dismisses all the review petitions in Ayodhya case judgment | Breaking News: अयोध्या फैसले के खिलाफ दायर सभी पुनर्विचार याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

Breaking News: अयोध्या फैसले के खिलाफ दायर सभी पुनर्विचार याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

Highlights अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में उच्चतम न्यायालय ने नौ नवंबर को फैसला सुनाया था। संविधान पीठ चैंबर में कुल 18 पुनर्विचार याचिकाओं पर विचार किया।

अयोध्या भूमि विवाद पर 9 नवंबर को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल सभी पुनर्विचार याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में उच्चतम न्यायालय ने नौ नवंबर को फैसला सुनाया था। इस फैसले ने अयोध्या में 2.77 एकड़ भूमि पर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया था। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ इन पुनर्विचार याचिकाओं पर चैंबर में विचार किया। पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना शामिल हैं। 

यह फैसला सुनाने वाली संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई चूंकि अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं, इसलिए उनके स्थान पर संविधान पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को शामिल किया गया है। न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड की गयी कार्यसूची के अनुसार संविधान पीठ चैंबर में कुल 18 पुनर्विचार याचिकाओं पर विचार किया। इनमें से नौ याचिकायें तो इस मामले के नौ पक्षकारों की हैं जबकि शेष पुनर्विचार याचिकायें ‘तीसरे पक्ष’ ने दायर की हैं। 

इस मामले में सबसे पहले दो दिसंबर को पहली पुनर्विचार याचिका मूल वादी एम सिदि्दक के कानूनी वारिस मौलाना सैयद अशहद रशिदी ने दायर की थी। इसके बाद, छह दिसंबर को मौलाना मुफ्ती हसबुल्ला, मोहम्मद उमर, मौलाना महफूजुर रहमान, हाजी महबूब और मिसबाहुद्दीन ने दायर कीं। इन सभी पुनर्विचार याचिकाओं को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का समर्थन प्राप्त है। इसके बाद नौ दिसंबर को दो पुनर्विचार याचिकायें और दायर की गयी थीं। इनमें से एक याचिका अखिल भारत हिन्दू महासभा की थी जबकि दूसरी याचिका 40 से अधिक लोगों ने संयुक्त रूप से दायर की। 

संयुक्त याचिका दायर करने वालों में इतिहासकार इरफान हबीब, अर्थशास्त्री एवं राजनीतिक विश्लेषक प्रभात पटनायक, मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर, नंदिनी सुंदर और जॉन दयाल शामिल हैं। हिन्दू महासभा ने न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करके मस्जिद निर्माण के लिये पांच एकड़ भूमि उप्र सुन्नी वक्फ बोर्ड को आबंटित करने के निर्देश पर सवाल उठाये हैं। महासभा ने फैसले से इस अंश को हटाने का अनुरोध किया है जिसमें विवादित ढांचे को मस्जिद घोषित किया गया है। 

विदित हो कि 14 मार्च, 2018 को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने स्पष्ट कर दिया था कि सिर्फ मूल मुकदमे के पक्षकारों को ही मामले में अपनी दलीलें पेश करने की इजाजत होगी। पीठ ने इस मामले में कुछ कार्यकर्ताओं को हस्तक्षेप करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। संविधान पीठ ने नौ नंवबर को अपने फैसले में समूची 2.77 एकड़ विवादित भूमि ‘राम लला’ विराजमान को दे दी थी और केंद्र को निर्देश दिया था कि वह अयोध्या में एक मस्जिद बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन आवंटित करे।

Web Title: Supreme Court dismisses all the review petitions in Ayodhya case judgment

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