CAA की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को संविधान पीठ के पास भेज सकता है सुप्रीम कोर्ट
By भाषा | Published: January 22, 2020 12:07 PM2020-01-22T12:07:57+5:302020-01-22T12:07:57+5:30
केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसियों शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को वह वृहद संविधान पीठ के पास भेज सकता है। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ सीएए की वैधता को चुनौती देने वाली 143 याचिकाओं पर सुनवाई की।
केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने पीठ को बताया कि 143 याचिकाओं में से करीब 60 की प्रतियां सरकार को दी गई हैं। उन्होंने कहा कि सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली उन याचिकाओं पर जवाब देने के लिए सरकार को समय चाहिए जो उसे अभी नहीं मिल पाई हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय से सीएए के क्रियान्वयन पर रोक लगाने और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की कवायद फिलहाल टाल देने का अनुरोध किया।
Supreme Court does not put stay the #CAA and #NPR process. Court indicates setting up of Constitution Bench to hear the petitions challenging CAA. The bench will work out the schedule for hearing the cases and take up the cases after 5 weeks to pass interim orders. pic.twitter.com/QLXzLhf5vQ
— ANI (@ANI) January 22, 2020
केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसियों शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।