चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश, 30 मई से पहले हर चंदे की जानकारी दें सभी पार्टियां

By विनीत कुमार | Published: April 12, 2019 10:56 AM2019-04-12T10:56:56+5:302019-04-12T14:53:02+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि चुनावी बॉन्ड के जरिये चंदा देने वालों, कितनी राशि भेजी गई, आदि की जानकारी चुनाव आयोग के पास जमा कराई जाए।

Supreme Court asks all political parties to submit details on donations through Electoral Bonds | चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश, 30 मई से पहले हर चंदे की जानकारी दें सभी पार्टियां

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनीतिक पार्टियों के चंदे की मांगी जानकारीसुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड के जरिये चंदा देने वालों और राशि की भी जानकारी देने को कहा30 मई तक चुनाव आयोग के पास बंद लिफाफे में जानकारी भेजने का कोर्ट ने दिया आदेश

इलेक्टोरल बॉन्ड की वैधता पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सभी राजनीतिक पार्टियों को चंदे की जानकारी देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये तमाम राजनीतिक पार्टियों को जितने भी चंदे मिले हैं उसकी जानकारी 30 मई तक बंद लिफाफे में चुनाव आयोग के पास जमा करा दी जाए। साथ ही कोर्ट ने चंदा देने वालों के बारे में भी जानकारी मांगी है।

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल चुनावी बॉन्ड पर कोई रोक नहीं लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि चुनावी बॉन्ड के जरिये चंदा देने वालों, कितनी राशि भेजी गई, पेमेंट की विस्तृत जानकारी आदि चुनाव आयोग के पास 30 मई तक जमा कराई जाए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सरकार की राजनीतिक दलों को चंदे के लिए प्रारंभ की गई चुनावी बॉन्डस योजना को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर अपना निर्णय शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि स्वयं सेवी संगठन ऐसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की याचिका पर शुक्रवार को फैसला सुनाया जायेगा। दरअसल, एडीआर ने इस चुनावी बॉन्ड की वैधता को चुनौती देते हुये इस पर अंतरिम स्थगनादेश देने की मांग करते हुये अपनी याचिका में कहा था या तो चुनावी बॉन्ड जारी करने पर रोक लगे अथवा चंदा देने वालों के नाम सार्वजनिक हों ताकि चुनावी प्रक्रिया में पार्दर्शिता बनी रहे।

हालांकि, सरकार ने चुनाव के बीच में इसपर किसी भी तरह की पड़ताल का इनकार किया था। केंद्र सरकार ने कहा था कि चुनावी बॉन्ड की शुरुआत राजनीति में काले धन को खत्म करने के लिए की गई है।

English summary :
Supreme Court on Electoral Bonds: Supreme Court has asked the amount of money received by all political parties should be submitted to the Election Commission through Electoral bonds in the closed envelope till May 30. Along with this, the court has sought information about the donors.


Web Title: Supreme Court asks all political parties to submit details on donations through Electoral Bonds

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