उच्चतम न्यायालय ने ईडी की अधिकारी को उनके मूल विभाग में भेजने की अनुमति दी
By भाषा | Published: February 22, 2021 11:52 PM2021-02-22T23:52:21+5:302021-02-22T23:52:21+5:30
नयी दिल्ली, 22 फरवरी उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कोयला घोटाला मामलों की जांच में शामिल प्रवर्तन निदेशालय की एक अधिकारी की उनके मूल विभाग में भेजने की याचिका को इस शर्त पर मंजूर कर ली कि इस मामले में "सक्षम अधिकारी" द्वारा उनका कार्यभार संभाल लिए जाने पर ही उनको इसकी अनुमति है।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने कहा कि इस पर कोई विवाद नहीं है कि याचिकाकर्ता सौम्या नुथालापति एक विवाहित महिला हैं, जिनके पास लगभग ढाई साल का बच्चा है और वह वर्तमान में अपनी तैनाती के कारण अपने पति से दूर हैदराबाद में रह रही हैं।
पीठ ने कहा कि यह विवादित नहीं है कि याचिकाकर्ता ने तीन साल का कार्यकाल पूरा किया है। उसके बाद, उन्हें कोयला ब्लॉक मामले में ओएसडी के रूप में काम करने के लिए निर्देशित किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय ने इस आधार पर उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया कि उनकी पोस्टिंग न्यायालय के आदेश के तहत किया गया था।
पीठ ने कहा, "इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हम याचिकाकर्ता को उनके मूल विभाग में वापस भेजने और वर्तमान पद से मुक्त करने की अनुमति देना उचित समझते हैं, हालांकि, एक सक्षम अधिकारी के उनके स्थान पर पदभार संभालने के बाद ही उनको इसकी अनुमति है।"
अधिकारी भारतीय राजस्व सेवा से संबद्ध हैं और उनका मूल विभाग सीमा शुल्क और केंद्रीय आबकारी विभाग है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता इस मामले में केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए।
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