Super Cyclone Amphan: चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ महाचक्रवात में बदला, प्रधानमंत्री मोदी ने लिया स्थिति का जायजा
By भाषा | Published: May 19, 2020 02:51 AM2020-05-19T02:51:47+5:302020-05-19T02:51:47+5:30
केंद्र और राज्य सरकारों के लिए कुछ हद तक राहत देने वाली खबर है क्योंकि आईएमडी का पूर्वानुमान है कि रास्ते में तूफान अपनी तीव्रता खो देगा और राज्य के दीघा और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच टकराने के दौरान एक भीषण चक्रवात के रूप में पश्चिम बंगाल पहुंचेगा।
कोलकाता: अत्यंत विकराल चक्रवात ‘अम्फान’ सोमवार को महाचक्रवात में बदल गया। दो दशक में बंगाल की खाड़ी में यह ऐसा दूसरा प्रचंड चक्रवाती तूफान है। चक्रवात उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी की तरफ बढ़ सकता है तथा 20 मई को दीघा और हटिया द्वीप के बीच पश्चिम बंगाल और बांग्लादेशीय तटों को पार करेगा। पश्चिम बंगाल और ओडिशा सरकार को चक्रवात के मद्देनजर लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना होगा। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख एस.एन. प्रधान ने कहा कि बल ने इन दो राज्यों के तटीय क्षेत्रों में 37 टीमों को तैनात किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न हो रहे चक्रवात ‘अम्फान’ को देखते हुए तैयारियों का जायजा लिया गया। उन्होंने चक्रवात से प्रभावित होने वाले राज्यों को हरसंभव केंद्रीय मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि चक्रवात के रास्ते में आने वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएं और पर्याप्त मात्रा में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखें। बयान में बताया गया, ‘‘प्रतिक्रिया योजना पर प्रस्तुतीकरण के दौरान एनडीआरएफ के महानिदेशक (एस एन प्रधान) ने सूचित किया कि एनडीआरएफ की 25 टीमों को तैनात किया गया है जबकि 12 अन्य को तैयार रखा गया है।
देश के अन्य हिस्सों में एनडीआरएफ की 24 अन्य टीमों को तैयार रखा गया है।’’ भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत एवं बचाव अभियानों के लिए जहाजों और हेलिकॉप्टरों को तैनात किया है। सेना और वायुसेना की इकाइयों को भी पश्चिम बंगाल और ओडिशा में तैयार रखा गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सभी संबंधित राज्यों को ताजा पूर्वानुमान के साथ नियमित बुलेटिन जारी किये हैं। केन्द्रीय गृह मंत्रालय भी राज्य सरकारों के लगातार संपर्क में है। बयान में कहा गया कि बैठक में प्रधानमंत्री के साथ केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, आईएमडी, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और एनडीआरएफ के अधिकारी मौजूद थे।
केंद्र और राज्य सरकारों के लिए कुछ हद तक राहत देने वाली खबर है क्योंकि आईएमडी का पूर्वानुमान है कि रास्ते में तूफान अपनी तीव्रता खो देगा और राज्य के दीघा और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच टकराने के दौरान एक भीषण चक्रवात के रूप में पश्चिम बंगाल पहुंचेगा। मौसम विभाग ने कहा कि इसमें अभी भी 165 से 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अधिकतम 185 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलेंगी। मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल के लिए ‘ऑरेंज’ चेतावनी जारी की है और कहा कि ‘अम्फान’ 20 मई को दोपहर या शाम के दौरान अत्यंत प्रचंड तूफान के रूप में बांग्लादेश में हटिया द्वीप और पश्चिम बंगाल के दीघा के बीच पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश तट के बीच से गुजरेगा।
इस दौरान 155-165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी जो कभी भी 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती हैं। मौसम विभाग ने कहा कि अत्यधिक तेज हवाओं से कच्चे घरों को बहुत ज्यादा नुकसान और ‘पक्के’ घरों को कुछ हद तक नुकसान पहुंच सकता है। उसने कहा कि तेज हवाओं के कारण बिजली एवं संचार के खंभे मुड़ या उखड़ सकते हैं, रेलवे सेवाओं को कुछ हद तक बाधित कर सकते हैं और ऊपर से गुजरने वाले बिजली के तार एवं सिग्नल प्रणालियां प्रभावित हो सकती हैं तथा तैयार फसलों, खेतों-बगीचों को बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है। कोलकाता में क्षेत्रीय मौसम केंद्र के निदेशक जी के दास ने कहा कि चक्रवात के प्रभाव से उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्वी एवं पश्चिमी मिदनापुर, हावड़ा और हुगली समेत पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में 19 मई को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है जबकि दूर-दराज के कुछ इलाकों में भारी बारिश का अनुमान है।
आईएमडी के महानिदेशक एम महापात्रा ने सोमवार को कहा कि चक्रवात ‘अम्फान’ अत्यंत प्रचंड है जो बड़े पैमाने पर तबाही मचा सकता है। उन्होंने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि ‘अम्फान’ महाचक्रवात में तब्दील हो गया है और इसके 20 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा द्वीपसमूह और बांग्लादेश के हटिया द्वीपसमूह के बीच टकराने की आशंका है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में 19 और 20 मई को मूसलाधार बारिश होगी जिनमें पूर्वी मिदनापुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता शामिल हैं। चक्रवात का असर जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर सहित उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में भी पड़ने की संभावना है। उन्होंने बताया कि ओडिशा के तटीय क्षेत्रों से कुछ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
कोलकाता से पहुंची आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार दक्षिण 24 परगना जिले से 40 हजार लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा चुका है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में कहा कि एनडीआरएफ और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के कर्मी चक्रवात से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम चक्रवात अम्फान पर हर वक्त नजर रखेंगे। मुख्य सचिव राजीव सिन्हा, गृह सचिव अल्पन बंदोपाध्याय और सचिव आपदा प्रबंधन स्थिति की निगरानी करेंगे।’’ वर्ष 1999 में ओडिशा में आये महाचक्रवात के बाद अम्फान बंगाल की खाड़ी में ऐसा दूसरा चक्रवात है। वर्ष 1999 में आये विनाशकारी तूफान में लगभग 10 हजार लोगों की मौत हुई थी।