PM Modi की गणतंत्र दिवस पर पहनी हुई 'उत्तराखंडी टोपी' की मांग में अचानक आई जबरदस्त उछाल, केवल 6 दिनों में पूरा स्टॉक हुआ खाली

By आजाद खान | Published: February 6, 2022 09:23 AM2022-02-06T09:23:40+5:302022-02-06T09:26:20+5:30

उत्तराखंड की इस टोपी का अनावरण 9 नवंबर, 2017 को उत्तराखंड राज्य दिवस पर किया गया था।

sudden surge demand assembly election Uttarakhandi cap worn PM Modi Republic Day 2022 entire stock empty just 6 days | PM Modi की गणतंत्र दिवस पर पहनी हुई 'उत्तराखंडी टोपी' की मांग में अचानक आई जबरदस्त उछाल, केवल 6 दिनों में पूरा स्टॉक हुआ खाली

PM Modi की गणतंत्र दिवस पर पहनी हुई 'उत्तराखंडी टोपी' की मांग में अचानक आई जबरदस्त उछाल, केवल 6 दिनों में पूरा स्टॉक हुआ खाली

Highlightsगणतंत्र दिवस पर पीएम मोदी द्वारा पहनी गई टोपी की मांग में अचानक बढ़त आई है। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस टोपी की मांग में इजाफा हुआ है। इस टोपी को सभी राजनीतिक दलों के लोग इस्तेमाल कर रहे हैं।

गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहनी गई 'उत्तराखंडी टोपी' की मांग में अचानक बढ़त देखने को मिली है। पीएम मोदी के टोपी को डिजाइन करने वाले डिजाइनर का कहना है कि मांग इतनी बढ़ी की पूरा स्टॉक छह दिनों में ही खत्म हो गया है। दरअसल, पीएम मोदी ने इस टोपी को गणतंत्र दिवस पर पहना था जिसके बाद से यह टोपी लोगों में फेमस होने लगी और लोग इसे जमकर खरीद रहे है जिससे स्टॉक में कमी देखने को मिली है। टोपी को डिजाइन करने वाले डिजाइनर समीर शुक्ला का कहना है कि इसकी डिमांड उत्तराखंड में आने वाले चुनाव को लेकर बढ़ी है। 

क्या खास है इस टोपी में

डिजाइनर समीर शुक्ला के मुताबिक, हर हिमालयी राज्य का एक टोपी है, लेकिन विशेष तौर पर उत्तराखंड की एक भी टोपी नहीं थी। यहां के लोग अलग-अलग हिस्सों में दूसरी-दूसरी टोपी पहनते हैं लेकिन उनकी कोई एक टोपी नहीं थी। इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इसे डिजाइन किया है। उनके बताया कि टोपी पर चार रंगीन धारियों का उपयोग किया गया है जो भूमि, आकाश, जीवन और प्रकृति को दर्शाती है। इसमें राज्य के ब्रह्मकमल नामक फूल का भी उपयोग किया है, जो केदारनाथ में भगवान शिव को चढ़ाया जाता है। 

कई लोगों ने किया है इस टोपी को इस्तेमाल

समीर शुक्ला ने बताया कि उनकी टोपी को बहुत लोगों ने पसंद किया है और वे इसे बढ़ावा भी देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि दिवंगत सीडीएस बिपिन रावत पहले शख्स थे जिंहोने उनकी इस टोपी की खूब तारीफ की थी और इसे मान्यता दिया था। उन्होंने पत्र लिखकर इसे बढ़ावा देने की भी बात कही थी।

उनका यह भी कहना था कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने भी इस टोपी को इस्तेमाल किया है। 

कैसे पहुंची यह टोपी पीएम मोदी तक

शुक्ला ने बताया कि उन्हें पता चला था कि पीएम मोदी इस टोपी को पहनने में रुचि रखते हैं। इसके लिए उन्हे प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क किया गया था और उन्हें एक विशिष्ट आकार की टोपी प्रदान करने के लिए कहा था। इसके बाद शुक्ला ने विशिष्ट आकार की ऊनी टोपी के छह रंग प्रदान किए। जिसके बाद पीएम मोदी ने 2022 के गणतंत्र दिवस पर इस टोपी को पहना था। 

उन्होंने यह भी कहा कि यह टोपी पीएम मोदी की नजर में कैसे आई, इस बात का उन्हें ज्ञान नहीं है। आपको बता दें कि इस टोपी का अनावरण 9 नवंबर, 2017 को उत्तराखंड राज्य दिवस पर किया गया था। 

राजनीतिक दलों में हो रहा है यह फेमस

समीर शुक्ला का कहना है कि जब से पीएम मोदी ने इस टोपी को गणतंत्र दिवस के परेड में पहना है, तब से इसकी मांग में इजाफा हुआ है। इसके लिए सभी राजनीतिक दलों के लोग उनके पास आ रहे हैं। उनका कहना है, "हर कोई उत्तराखंड से जुड़ना चाहता है और राजनीतिक दलों की मांग अचानक बढ़ गई है क्योंकि हमारे सभी नेता राज्य के साथ अपना संबंध दिखाना चाहते हैं।" 

शुक्ला ने बताया कि सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपने अभियान, सार्वजनिक बातचीत और प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे पहनना शुरू कर दिया है। पिछले कुछ दिनों में इसकी मांग कुछ ऐसे बढ़ी की केवल छह दिनों में ही पूरा स्टॉक खाली हो गया है। शुक्ला ने दावा किया कि है उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को देखते हुए इसकी मांग बढ़ी है। 

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