पराली जलाने की बढ़ी घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनाया कड़ा रुख, यूपी सरकार से कहा- हम आपको नहीं छोड़ेंगे
By रामदीप मिश्रा | Published: November 25, 2019 03:57 PM2019-11-25T15:57:30+5:302019-11-25T15:57:30+5:30
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से कहा है कि पराली जलाने की घटनाएं बढ़ गई है। इस संबंध में हम आपको और आपकी मशीनरी को दंडित क्यों न करें? हम अब आपको नहीं छोड़ेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक आदेशों के बावजूद लगातार पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने को लेकर सोमवार (25 नवंबर) को उत्तर प्रदेश की सरकार को आड़े हाथ लिया है। कोर्ट ने यूपी के मुख्य सचिव से पूछा है कि आपको और आपकी मशीनरी को दंडित क्यों न करें? दरअसल, पराली जलाने की वजह से दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर बनी हुई है।
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से कहा है कि पराली जलाने की घटनाएं बढ़ गई है। इस संबंध में हम आपको और आपकी मशीनरी को दंडित क्यों न करें? हम अब आपको नहीं छोड़ेंगे, हर किसी को पता होना चाहिए कि हम आप में से किसी को भी नहीं छोड़ेंगे।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लगभग 1000 एफआईआर पराली जलाने वालों के खिलाफ दायर की गई हैं और लगभग एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव से कहा कि मामले सकारात्मक कार्रवाई कीजिए, न कि जबरदस्ती की जाए।
Uttar Pradesh Chief Secretary tells Supreme Court that around 1000 FIRs have been filed against stubble burning & a fine of around Rs 1 Crore have been imposed. SC asks UP Chief Secretary for positive actions and not the coercive ones. https://t.co/ER6YjxosaI
— ANI (@ANI) November 25, 2019
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा को आड़े हाथों लिया और कहा कि वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली के लोगों को मरने के लिये नहीं छोड़ा जा सकता। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने पराली जलाने पर प्रतिबंध के बाजवूद इन दो राज्यों में यह सिलसिला जारी रहने पर कड़ा रूख अपनाया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की वजह से लोगों का 'दम घुट' रहा है और लाखों लोगों की उम्र घट रही है। पीठ ने कहा, 'क्या आप लोगों से इस तरह व्यवहार करेंगे और उन्हें प्रदूषण के कारण जान गंवाने देंगे।'