कांग्रेस विरोध के लिए विरोध करना बंद करें, बसपा सांसद ने कहा-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अच्छा काम कर रही हैं
By भाषा | Published: September 21, 2020 08:21 PM2020-09-21T20:21:59+5:302020-09-21T20:21:59+5:30
बसपा के मलूक नागर ने ‘दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2020’ पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा, ‘‘समझ नहीं आता कि कांग्रेस के लोग अच्छे विधेयक का भी क्यों विरोध कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तरह अच्छा काम कर रही हैं जो वित्त मंत्री भी रह चुके हैं।
नई दिल्लीः लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी के एक सदस्य ने कांग्रेस पर केवल विरोध के लिए सरकार के सभी विधेयकों का विरोध करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अच्छा काम कर रही हैं, जरूरत सभी मंत्रालयों के बीच समन्वय की है।
बसपा के मलूक नागर ने ‘दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2020’ पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा, ‘‘समझ नहीं आता कि कांग्रेस के लोग अच्छे विधेयक का भी क्यों विरोध कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तरह अच्छा काम कर रही हैं जो वित्त मंत्री भी रह चुके हैं।
नागर ने कहा कि समस्या मंत्रालयों के बीच समन्वय की है। एक मंत्रालय के काम में दूसरे मंत्रालय के नियम आड़े आ जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के समय देश को बचाने के लिए और रोजगार को बचाने के लिए सोचना पड़ेगा।’’
नागर ने मांग की कि राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधीकरण (एनसीएलटी) में जिस तरह कारोबारियों को सुविधाएं मिली हैं, ऐसी सुविधा किसानों को भी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कमजोर होती अर्थव्यवस्था को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री की सोच के अनुरूप पांच ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य को पाने के लिए सभी सांसदों को मिलकर काम करना हेागा।
बंदूक के 22,804 नए अखिल भारतीय लाइसेंस 2018-20 के बीच जारी किये गए, 17,905 जम्मू कश्मीर के लिये
सरकार ने 2018 से बंदूकों के अखिल भारतीय मंजूरी वाले 22,804 लाइसेंस जारी किये और उनमें से अधिकतर, 17,905 लाइसेंस जम्मू कश्मीर के लोगों को जारी किये गए। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक एक जनवरी 2018 से 15 सितंबर 2020 के बीच अखिल भारतीय वैधता वाले कुल 94,400 शस्त्र लाइसेंस का नवीकरण किया गया जिनमें से 19,238 उत्तर प्रदेश से थे जिसके बाद जम्मू कश्मीर से 14,172 और हरियाणा से 12,230 लाइसेंस थे।
देश भर में एक जनवरी 2018 से इस साल 15 सितंबर तक जारी 22,805 नए शस्त्र लाइसेंसों में से 17,905 जम्मू कश्मीर में जारी किये गए जबकि दूसरे स्थान पर रहे उत्तर प्रदेश में बस 952 ही नए लाइसेंस जारी किये गए। इस अवधि में मध्य प्रदेश में 666 नए शस्त्र लाइसेंस जारी हुए तो हिमाचल प्रदेश के लिये 623 और पंजाब के लिये इनकी संख्या 314 थी। गृह मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया कि एक जनवरी 2018 से 15 सितंबर 2020 के बीच रद्द किये गए कुल 2,435 शस्त्र लाइसेंस में से अधिकतम उत्तर प्रदेश (1911) से थे जबकि अन्य राज्यों में रद्द किये गए शस्त्र लाइसेंस की संख्या दहाई में थी।
शस्त्र लाइसेंस शस्त्र अधिनियम, 1959 और शस्त्र नियम 2016 के तहत दिये, नवीकृत और रद्द किये जाते हैं। प्रतिबंधित श्रेणी के हथियारों के लिये अखिल भारतीय वैधता वाले लाइसेंस जहां गृह मंत्रालय द्वारा जारी किये जाते हैं वहीं मंजूर श्रेणियों के हथियारों के लिये लाइसेंस राज्य सरकारें या केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन जारी करते हैं।