CJI ने कहा- सुप्रीम कोर्ट में दायर होने वाले मामले निरस्त न हों, इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं
By भाषा | Published: October 10, 2018 03:10 AM2018-10-10T03:10:03+5:302018-10-10T03:10:03+5:30
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि मामले अचानक से निरस्त नहीं होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं होगा कि कोई मामला सूचीबद्ध होने से पहले छह बार निरस्त हो जाए। हम इसे देख रहे हैं।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने मंगलवार (9 अक्टूबर) को कहा कि उच्चतम न्यायालय में दायर होने वाले मामले निरस्त न हों, इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं। न्यायमूर्ति गोगोई ने पिछले हफ्ते प्रधान न्यायाधीश के रूप में पहले दिन स्पष्ट किया था कि मामलों के तत्काल उल्लेख और उन्हें तत्काल सूचीबद्ध किए जाने को लेकर ‘‘मानक’’ तय किए जाएंगे, लेकिन तब तक फांसी और बेदखली जैसे मामलों में ही तत्काल सुनवाई होगी।
उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत जितने मामलों पर सुनवाई कर सकती है, उतने मामलों पर सुनवाई करेगी, लेकिन समय की कमी की वजह से वे सभी एक साथ नहीं सुने जा सकते। लाइन में इंतजार कर रहे वकीलों को उन्होंने आश्वासन दिया कि यह सुनिश्चित करने के लिए प्रणाली लाई जाएगी कि सुनवाई के लिए एक बार मामला सूचीबद्ध होने के बाद निरस्त न हो।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि मामले अचानक से निरस्त नहीं होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं होगा कि कोई मामला सूचीबद्ध होने से पहले छह बार निरस्त हो जाए। हम इसे देख रहे हैं। मामला केवल ठोस आधार पर ही निरस्त होगा।’’ उन्होंने पूर्व में कहा था कि फांसी और बेदखली जैसे मामलों में ही तत्काल सुनवाई होगी।
आपको बता दें, सीजेआई रंजन गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 को हुआ था। उन्होंने 1978 में बतौर वकील पंजीकरण कराया था। 28 फरवरी 2001 को स्थायी जज बने। 12 फरवरी 2011 को रंजन गोगोई पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हुए। 23 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए।
सीजेआई गोगोई पूर्वोत्तर भारत से आने वाले पहले जज हैं जो देश के प्रधान न्यायाधीश के पद को सुशोभित हो गए हैं। वे 17 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर होंगे।