भीमा-कोरेगांव हिंसा: गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से दी गई छूट बरकरार
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 3, 2019 11:00 AM2019-05-03T11:00:58+5:302019-05-03T11:00:58+5:30
राज्य सरकार ने गुरुवार को मुंबई उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि महाराष्ट्र दिन पर गढ़चिरोली में हुए नक्सली हमले को देखते हुए तेलुगू लेखक गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से दिया गया संरक्षण रद्द किया जाए. अदालत ने सरकार का यह अनुरोध ठुकराते हुए नवलखा को गिरफ्तारी से 12 जून तक दिया गया संरक्षण बरकरार रखा.
बता दें कि नक्सलवादियों ने गढ़चिरोली में भूमिगत सुरंग लगााकर क्यूआरटी की गाड़ी उड़ा दी थी. इसमें क्यूआरटी के 15 जवान शहीद हुए. राज्य सरकार की ओर से सरकारी वकील अरुणा कामत ने जस्टिस रणजीत मोरे व जस्टिस भारती डांगरे की खंडपीठ से अनुरोध किया कि गौतम नवलखा का नक्सलियों से संबंध है, इसलिए उनको गिरफ्तार से दी गई सुरक्षा रद्द की जाए.
अदालत ने उनका यह अनुरोध ठुकरा दिया. नवलखा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि कोरेगांव भीमा हिंसा व शहरी नक्सलवाद मामले में उनके खिलाफ पुणे पुलिस द्वारा दर्ज किया गया मामला रद्द किया जाए. राज्य सरकार पहले से ही नवलखा को गिरफ्तारी से दी गई सुरक्षा को लेकर आक्रमक है. लेकिन हाईकोर्ट बार-बार नवलखा को गिरफ्तारी से सुरक्षा दे रहा है. कामत ने आरोप लगाया कि नवलखा लगातार जांच एजेंसियों के काम में दखल दे रहे हैं. अगली सुनवाई 12 जून को उच्च न्यायालय ने सरकार की दलील को नामंजूर करते हुए नवलखा की याचिका पर अगली सुनवाई 12 जून तय की है. तब तक नवलखा को दी गई राहत भी कायम रखी गई है.