चंद्रयान-2 का काउंटडाउन शुरू, जानें ISRO के इस मिशन में क्या है खास बात
By स्वाति सिंह | Published: July 14, 2019 09:00 AM2019-07-14T09:00:00+5:302019-07-14T09:00:00+5:30
चंद्रयान-2 को जीएसएलवी मैक-3 द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा जिसे भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा “बाहुबली” कहा जाता है क्योंकि यह चार टन क्षमता तक के उपग्रह ले जाने की क्षमता रखता है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अपने महत्वाकांक्षी मून मिशन चंद्रयान-2 को 14 और 15 जुलाई की दरम्यानी रात 2.51 बजे लॉन्च करेगा। यह किसी खगोलीय पिंड पर उतरने का इसरो का पहला अभियान है और यह 2008 में प्रक्षेपित चंद्रयान-1 की ही अगली कड़ी है। इसरो के मुताबिक इस अभियान का उद्देश्य चंद्रमा की उत्पत्ति और क्रमिक विकास को समझने के लिये विस्तृत अध्ययन करना है।
यहां के निकट तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा के बाद सिवन ने बताया 'श्रीहरिकोटा से 15 जुलाई को तड़के दो बजकर 51 मिनट पर चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के लिये सभी तैयारियां की जा रही हैं।' चंद्रयान-2 के जरिए चंद्रमा की सतह पर खनिजों के अध्ययन और वैज्ञानिक प्रयोग करने के लिए भारत का यह दूसरा चंद्र अभियान होगा। संक्षिप्त बातचीत में सिवन ने कहा कि लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर छह सितंबर को उतरेगा। चंद्रमा के इस क्षेत्र में अब तक कोई नहीं पहुंचा है।
चंद्रयान-2 को जीएसएलवी मैक-3 द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा जिसे भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा “बाहुबली” कहा जाता है क्योंकि यह चार टन क्षमता तक के उपग्रह ले जाने की क्षमता रखता है। चंद्रयान-2 मिशन की कुल लागत के एक हजार करोड़ रुपये थी।
भारत के पहले अंतरिक्षयात्री कार्यक्रम 'गगनयान' परियोजना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रगति हो रही है और इसके तहत पहले मानवरहित मिशन को दिसंबर 2020 तक अंजाम दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, 'अभी, डिजाइन का चरण पूरा हुआ है और इसे मूर्त रूप देने का काम चल रहा है।' सिवन ने कहा, 'हम दिसंबर 2021 में मानव को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहे हैं।'
चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से होगा। अंतरिक्ष यान का द्रव्यमान 3.8 टन है। इसमें तीन मॉड्यूल हैं- आर्बिटर, लैंडर(विक्रम) और रोवर(प्रज्ञान)। सिवन ने कहा कि ‘आर्बिटर’ में आठ पेलोड, तीन लैंडर और दो रोवर होंगे। वहीं, जीएसएलवी मार्क-3 की लागत 375 करेाड़ रूपये है।
🇮🇳#ISROMissions🇮🇳
— ISRO (@isro) July 14, 2019
The launch countdown of #GSLVMkIII-M1/#Chandrayaan-2 commenced today at 0651 Hrs IST. The launch is scheduled at 0251Hrs IST on July 15th.
More updates to follow...
इसरो के मुताबिक, ऑर्बिटर, पेलोड के साथ चंद्रमा की परिक्रमा करेगा। लैंडर चंद्रमा के पूर्व निर्धारित स्थल पर उतरेगा और वहां एक रोवर तैनात करेगा। ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर पर लगे वैज्ञानिक पेलोड के चंद्रमा की सतह पर खनिज और तत्वों का अध्ययन करने की उम्मीद है। गौरतलब है कि चंद्रयान-2 अपने पूर्ववर्ती चंद्रयान-1 का उन्नत संस्करण है। चंद्रयान-1 को करीब 10 साल पहले भेजा गया था।