कोरोना वायरस के खिलाफ दिल्ली, DTC समेत कलस्टर बसों के कर्मचारियों के लिए केजरीवाल सरकार ने उठाया ये कदम
By भाषा | Published: March 27, 2020 06:20 PM2020-03-27T18:20:47+5:302020-03-27T18:20:47+5:30
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के प्रयास के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों की राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की थी, फलस्वरूप डीटीसी और कलस्टर सेवा की बसों को छोड़कर दिल्ली मेट्रो, ट्रेन, टैक्सियां, ऑटोरिक्शा और ई-रिक्शा समेत सभी प्रकार के परिवहन के साधन फिलहाल बंद हैं।
कोरोना वायरस के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक परिवहन की बसों के कर्मचारियों को मास्क एवं हैंड सैनिटाइजर प्रदान किये हैं । ये कर्मचारी जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को आने-जाने की सुविधा प्रदान कर इस लॉकडाउन के दौरान शहर की जीवन रेखा के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘डीटीसी और कलस्टर सेवा की सभी बसों में चालकों, संचालकों और मार्शलों को मास्क एवं सैनिटाइजर प्रदान किये गये हैं। मुझे आप सभी पर गर्व है। आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को आने-जाने की सुविधा प्रदान कर इस मुश्किल घड़ी में आप शानदार कार्य कर रहे हैं।’’
All DTC and Cluster Bus Drivers, Conductors and Marshals have been provided with Mask and Hand Sanitisers. I am proud of you all. Doing a wonderful job in these difficult times by transporting people involved in essential services. pic.twitter.com/xLCsmEmSZY
— Kailash Gahlot (@kgahlot) March 27, 2020
घातक कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के प्रयास के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों की राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की थी, फलस्वरूप डीटीसी और कलस्टर सेवा की बसों को छोड़कर दिल्ली मेट्रो, ट्रेन, टैक्सियां, ऑटोरिक्शा और ई-रिक्शा समेत सभी प्रकार के परिवहन के साधन फिलहाल बंद हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गहलोत के ट्वीट को रिट्वीट किया एवं आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों की प्रशंसा करते हुए लिखा, ‘‘ मुझे उन सभी दिल्लीवासियों पर गर्व है जो इस बंद के दौरान जरूरी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उनकी सुरक्षा हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।’’
इस सप्ताह के प्रारंभ में केजरीवाल ने 31 मार्च तक बंद की घोषणा की थी और बस 25 फीसदी डीटीसी एवं कलस्टर बसों को छोड़कर सार्वजनिक परिवहन के सभी साधनों पर रोक लगा दी थी। यह छूट जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को लाने-ले जाने के लिए दी गयी थी। लेकिन जब इन कम बसों में भीड़ और अन्य समस्याएं होने लगी तब उनकी संख्या बढ़ाकर 50 फीसदी कर दी गयी।