AIADMK के 18 विधायकों की बर्खास्तगी पर दो जजों में नहीं बन सकी एक राय, अब हाई कोर्ट की बड़ी पीठ करेगी सुनवाई
By भारती द्विवेदी | Published: June 14, 2018 02:08 PM2018-06-14T14:08:34+5:302018-06-14T14:08:34+5:30
कोर्ट ने फाइनल फैसला नहीं आने तक फ्लोर टेस्ट और बाईपोल इलेक्शन पर रोक लगा दी है।
नई दिल्ली, 14 जून: ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के 18 बागी विधायकों की सदस्यता खत्म करने को लेकर मद्रास हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इन्दिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एम. सुन्दर की प्रथम पीठ ने अलग-्अलग फैसला दिया है। जिसकी वजह से अब ये मामला बड़े बेंच के पास भेज दिया गया है। जिसमें तीन जज होंगे ताकि इस मामले पर दो जजों की एकमत राय बन सके। कोर्ट ने फाइनल फैसला नहीं आने तक फ्लोर टेस्ट और बाई पोल इलेक्शन पर रोक लगा दी है। पिछले साल सितंबर में स्पीकर पी धनपाल ने एआईएडीएमके के 18 विधायकों को बर्खास्त कर दिया था।
Split verdict as Chief Justice of Madras High Court upholds disqualification of 18 MLAs who were disqualified by the Assembly Speaker last year ahead of trust vote, other judge disagrees. Case referred to 3 judge bench
— ANI (@ANI) June 14, 2018
इन सभी विधायकों को अन्नाद्रमुक के बागी नेता टीटीवी दिनाकरण के साथ वफादारी निभाने पर अयोग्य घोषित कर दिया गया था। पीठ ने 23 जनवरी को इस संबंध में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
हाल ही में एआईएडीएमके में मंगलवार देर शाम को नाटकीय घटनाक्रम में जनरल सेक्रेटरी वीके शशिकला, भतीजे टीटीवी दिनाकरन और उनके परिवार को पार्टी से दूर रखने का फैसला किया। मुख्यमंत्री पलानीसामी से मुलाकात के बाद राज्य के वित्तमंत्री डी. जयकुमार ने कहा कि दिनाकरन और उनके परिवार को अलग करने का फैसला पार्टी के मेंबर्स और सांसदों से बातचीत के बाद हीं लिया गया है। राज्य की जनता भी यही चाहती है।
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