दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश, टूर आपरेटर के आवेदन पर छह हफ्तों में विचार करे केंद्र सरकार
By भाषा | Published: July 12, 2019 06:13 PM2019-07-12T18:13:33+5:302019-07-12T18:13:33+5:30
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी एस सिस्तानी और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता के टी सी (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के दावों पर विचार करते हुए यह फैसला दिया।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को वाणिज्यक यात्रा और टूर ऑपरेटर द्वारा अपने वाहनों में गति नियंत्रक (स्पीड गवर्नर) लगाने के लिए समय सीमा बढ़ाने के आवेदन पर छह हफ्तों में निर्णय करने का निर्देश दिया है। दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी एस सिस्तानी और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता के टी सी (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के दावों पर विचार करते हुए यह फैसला दिया।
केटीसी ने कहा था कि अनुमोदित गति नियंत्रक बाजार में उपलब्ध नहीं है। पीठ ने कहा, ‘‘हम यह स्पष्ट करते हैं कि हमने मामले के गुणों पर कोई राय व्यक्त नहीं की है। यदि किसी कठोर कार्रवाई पर विचार किया जाता है, तो याचिकाकर्ता कानून के अनुसार उपयुक्त उपाय तलाशने के लिए मुक्त होगा।’’
याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय को बताया कि केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के नियम 118 में 2016 में संशोधन करते हुए व्यावसायिक वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाना आवश्यक किया गया था। आपरेटरों के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि अनुमोदित गति नियंत्रक बाजार में उपलब्ध नहीं है और इस वजह से इस नियम का अनुपालन व्यवसायिक वाहनों के मालिकों द्वारा नहीं किया जा सकता है।
इसके परिणामस्वरूप याचिकाकर्ता ने केंद्र और राज्य सरकार के समक्ष एक आवेदन दिया और इस पर विचार करने के बाद, 31 मार्च, 2018 तक इससे छूट दी गई। अधिकवक्ता ने अदालत को बताया कि स्थिति में अब भी कोई बदलाव नहीं आया है लेकिन ताजा आवेदन देने के बावजूद छूट की समय सीमा नहीं बढायी गयी।