बिहार में कांग्रेस विधायकों के टूटने की अटकलें, कांग्रेस के राज्य प्रभारी ने किया खारिज, बोले-बात होने से कोई किसी के साथ नहीं जाता
By एस पी सिन्हा | Published: June 19, 2021 06:51 PM2021-06-19T18:51:19+5:302021-06-19T19:03:17+5:30
कांग्रेस विधायकों के टूटने को लेकर जारी अटकलों ने बिहार की सियासत को और गर्मा दिया है। अब इस मामले को लेकर बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने सभी आशंकाओं को खारिज कर दिया है।
पटना: लोजपा में हुई टूट के बाद कांग्रेस विधायकों के टूटने को लेकर जारी अटकलों ने बिहार की सियासत को और गर्मा दिया है। अब इस मामले को लेकर बिहारकांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने सभी आशंकाओं को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एकजुट है और कोई विधायक कहीं नहीं जा रहा है।
मीडिया सें बातचीत करते हुए भक्त चरण दास ने कहा कि कांग्रेस विधायकों की टूट की बात बेकार ओर बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी कांग्रेस के पहले अध्यक्ष रह चुके हैं। कई विधायकों से उनकी बात होती है, लेकिन बात होने से कोई किसी के साथ नहीं चला जाता। दास ने कहा कि कांग्रेस आने वाले समय में और मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में किसी भी तरह की टूट नहीं होने वाली है और इस तरह की सारी खबरें बेबुनियाद है। वहीं, दास ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके अच्छे दोस्त हैं और वे लगातार उनके संपर्क में भी रहते हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वह कांग्रेस को छोडकर जदयू में शामिल हो जाएंगे, ऐसा नहीं होता। दास का यह भी कहना था कि, यदि टूट की कोई खबर होती तो इससे जुडे़ वीडियो या फोटो तो सामने आते ही।
लोजपा में जारी उठापटक पर उन्होंने कहा कि असली लोजपा चिराग के नेतृत्व के साथ है। सांसदों ने भले ही तात्कालिक लाभ के लिए कोई फैसला किया हो, लेकिन पशुपति कुमार पारस समेत जो सांसद लोजपा से अलग गए हैं, उनका जनाधार भी खत्म हो चुका है। यह फैसला उनके लिए आत्मघाती साबित होगा। दास ने कहा कि लोजपा से जो लोग चले गए हैं, वे लालच में चिराग का साथ छोड़कर गए हैं। बगावत करने वाले नेताओं ने वोट की अहमियत को नहीं समझा है।
कांग्रेस ने कहा-अच्छा राजनीतिक निर्णय नहीं
उन्होंने लोजपा सांसदों के बागी होने पर कहा कि सांसदों का यह अच्छा राजनीतिक निर्णय नहीं है। दास ने कहा कि रामविलास पासवान ने दलित राजनीति के तहत जिस पार्टी को खड़ा किया, वह आज भी चिराग के नेतृत्व के साथ है। चिराग पासवान के साथ लोजपा का कैडर वोट खड़ा है, इस बात को कांग्रेस मानती है। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान बिहार की राजनीति के लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं। चिराग युवा हैं और उन्हें यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि बिहार के लिए वह एक अच्छे इंस्ट्रूमेंट साबित होंगे।
चिराग को कांग्रेस में लाने की कवायद!
यह पूछे जाने पर कि क्या चिराग पासवान को महागठबंधन में लाने के लिए कांग्रेस के साथ घटक के तौर पर जोड़ने के लिए पार्टी पहल करेगी? दास ने कहा कि वह फिलहाल इस पर सीधे तौर पर कुछ नहीं कर सकते। चिराग पासवान इस बारे में क्या सोचते हैं, यह देखना होगा। लेकिन वह इतना जरूर कह सकते हैं कि कांग्रेस पार्टी दलितों और खास तौर पर समाज के पिछडे़ हुए लोगों के साथ चलकर राजनीति करना चाहती है। बिहार में जो मौजूदा हालात है उसके बीच चिराग पासवान को सूझबूझ के साथ भविष्य का फैसला करना होगा।
कांग्रेस में भी टूट की खबरें
बिहार कांग्रेस प्रभारी ने इतना जरूर कहा कि आने वाले वक्त में जल्द ही आलाकमान बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत करेंगे। दिल्ली में सोनिया गांधी दो दिनों तक बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करने वाली है। इसी आधार पर बिहार में कांग्रेस के आगामी कार्यक्रम तय किए जाएंगे। यहां बता दें कि लोजपा में हुई टूट के बाद कांग्रेस में भी टूट की काफी खबरें सामने आ रही हैं। जदयू ने कांग्रेस के कुछ नेताओं के उनके संपर्क में भी होने का दावा किया है, लेकिन, कांग्रेस ने अब इन सभी आशंकाओं को ख़ारिज कर दिया है