शरद यादव के निधन पर बोलते हुए उपेन्द्र कुशवाहा ने बड़े नेताओं पर साधा निशाना, कहा-उनका हाल नहीं पूछने वालों को आज उनकी मृत्य पर है बड़ा दुख
By एस पी सिन्हा | Published: January 13, 2023 07:02 PM2023-01-13T19:02:17+5:302023-01-13T19:47:46+5:30
आपको बता दें कि उपेंद्र कुशवाह के इस बयान के बाद लोग इसके सियासी मायने भी निकालने लगे हैं। ऐसे में लोग यह पूछने लगे हैं कि इस बयान के जरिए उपेंद्र कुशवाहा किन नेताओं की तरफ इशारा कर रहे हैं।
पटना:बिहार की राजनीति में किंग मेकर की भूमिका निभाने वाले शरद यादव के निधन से राज्य के सियासी गलियारों में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। राज्य के तमाम छोटे-बड़े नेता इनको याद कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
उपेंद्र कुशवाहा ने क्या आरोप लगाया
इसी कड़ी में अब जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी इनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए देश के सियासत के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी के नेताओं पर इशारों ही इशारों में बड़ा आरोप लगाया है।
ऐसे में आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा है कि शरद यादव ने संघर्ष के दौरान जिन लोगों को बनाया, शरद यादव के वजह से जो लोग राष्ट्रीय स्तर के बड़े-बड़े पद पर गए। वैसे लोगों ने शरद यादव के अंत समय में उनसे बात करना तक छोड़ दिया था। आज जब उनका अंत हुआ वो बेहद दुखद है।
शरद यादव जैसे समाजवादी नहीं लेते है बार-बार जन्म- उपेंद्र कुशवाहा
इधर, उपेंद्र कुशवाह के इस संदेश के बाद लोग इसके सियासी मायने भी निकालने लगे हैं। ऐसे में लोग पूछने लगे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा किन नेताओं की तरफ इशारा कर रहे हैं। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा है कि, शरद यादव के निधन की बेहद दुखी खबर रात में ही मिली। उनके निधन से इतना बड़ा नुकसान हुआ है। इतनी बड़ी क्षति हुई है, जिसकी भरपाई कोई भी नहीं कर सकता है।
शरद यादव देश में सामाजिक न्याय के एक केंद्र बन गए थे। इनके अलावा कोई दूसरा केंद्र ही नहीं बचा था। दिल्ली से यही निर्देश देते थे तो सामाजिक न्याय की गतिविधि चलती थी। आज उनके जाने के बाद वह केन्द्र ही समाप्त हो गया है। इससे बड़ा नुकसान कुछ नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि शरद यादव जैसे समाजवादी नेता बार-बार जन्म नहीं लेते हैं और उनकी जगह भी कोई नहीं ले सकता है।
उनका हाल नहीं पूछने पर वे काफी थे परेशान- उपेन्द्र कुशवाहा
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा है कि शरद यादव जीवन भर दलितों और वंचितों के लिए संघर्ष करते रहे है और उनका अंत जिस रूप में हुआ है। हाल के दिनों में जिस तरह से मानसिक स्थिति उनकी बन गई थी। इसका कारण है कि राजनीतिक रूप से उन्होंने जिन लोगों को संघर्ष कर बढ़ाया वैसे लोग ही उनसे अंतिम समय में बात करना छोड़ दिए थे।
कुशवाहा ने कहा कि शरद यादव इस बात से हमेशा परेशान रहते थे कि पिछले कुछ दिनों से उनका समाचार लेने वाला कोई नहीं है। निधन के पहले उनकी जो मानसिक हालत थी वो बेहद दुखद थी। भगवान किसी राजनीतिज्ञ को ऐसा अंत न दें।