"यूपी में समाजवादी पार्टी खो रही है अपना जनाधार", अखिलेश यादव द्वारा बसपा की आलोचना पर मायावती का पलटवार
By रुस्तम राणा | Published: September 10, 2022 03:10 PM2022-09-10T15:10:40+5:302022-09-10T15:18:31+5:30
शनिवार को मायावती ने कहा कि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी अपना जनाधार खोती जा रही है। दरअसल मायावती का यह पलटवार अखिलेश यादव द्वारा बसपा की आलोचना के बाद आया है।
लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है। शनिवार को मायावती ने कहा कि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी अपना जनाधार खोती जा रही है। दरअसल मायावती का यह पलटवार अखिलेश यादव द्वारा बसपा की आलोचना के बाद आया है। हाल ही में अखिलेश यादव ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में बहुजन समाजवादी पार्टी और मायावती की ओलचना की थी। सपा प्रमुख ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को भाजपा द्वारा नियंत्रित एक स्व-निर्मित जेल में कैदी और दिल्ली में जेलर, बसपा अध्यक्ष के रूप में वर्णित किया।
मायावती ने ट्वीट कर सपा पर निशाना साधते हुए लिखा, "सपा यूपी में अपना जनाधार खोती जा रही है, जिसके लिए उसका अपना कृत्य ही मुख्य कारण है। परिवार, पार्टी व इनके गठबंधन में आपसी झगड़े, खींचतान तथा आपराधिक तत्वों से इनकी खुली सांठगांठ व जेल मिलान आदि की खबरें मीडिया में आमचर्चाओं में है तो फिर लोगों में निराशा क्यों न हो?"
1. सपा यूपी में अपना जनाधार खोती जा रही है, जिसके लिए उसका अपना कृत्य ही मुख्य कारण है। परिवार, पार्टी व इनके गठबंधन में आपसी झगड़े, खींचतान तथा आपराधिक तत्वों से इनकी खुली सांठगांठ व जेल मिलान आदि की खबरें मीडिया में आमचर्चाओं में है तो फिर लोगों में निराशा क्यों न हो? 1/3
— Mayawati (@Mayawati) September 10, 2022
मायावती ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "सपा की भाजपा के साथ अन्दरुनी मिलीभगत किसी से छिपी नहीं है और यही खास वजह है कि सपा के मुख्य विपक्षी पार्टी होने पर बीजेपी सरकार को यहाँ वाकओवर मिला हुआ है व सरकार को अपनी मनमानी करने की छूट है। इससे आमजनता व खासकर मुस्लिम समाज का जीवन त्रस्त व उनमें काफी बेचैनी।"
उन्होंने कहा, "सपा मुखिया अपनी इसी प्रकार की जनविरोधी कमियों को छिपाने के लिए दूसरों के खिलाफ अक्सर अनर्गल व बचकानी बयानबाजी आदि करके व करवाकर लोगों का ध्यान बांटने का प्रयास करते रहते हैं, जिससे लोगों व देश की अन्य विपक्षी पार्टियों को भी सपा से सावधान रहने की ज़रूरत है।" दरअसल, दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे पर भाजपा से सांठगांठ का आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं।
2. साथ ही, सपा की भाजपा के साथ अन्दरुनी मिलीभगत किसी से छिपी नहीं है और यही खास वजह है कि सपा के मुख्य विपक्षी पार्टी होने पर बीजेपी सरकार को यहाँ वाकओवर मिला हुआ है व सरकार को अपनी मनमानी करने की छूट है। इससे आमजनता व खासकर मुस्लिम समाज का जीवन त्रस्त व उनमें काफी बेचैनी। 2/3
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