21 साल बाद कांग्रेस को गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिलना लगभग तय, दो महीने में हो सकती है नए नाम की घोषणा
By पल्लवी कुमारी | Published: June 7, 2019 05:33 PM2019-06-07T17:33:09+5:302019-06-07T17:33:09+5:30
लोकसभा चुनाव-2019 में कांग्रेस को महज 52 सीटों पर जीत मिली जिसके बाद राहुल गांधी कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। अभी तक राहुल ने अपना इस्तीफा वापस नहीं लिया है।
लोकसभा चुनाव-2019 में मिली हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में इस्तीफे की पेशकश की थी। जिसको पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था। लेकिन राहुल गांधी अपने फैसले पर अड़े हुए हैं। ऐसे में खबर आ रही है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पार्टी ने नये चेहरे की तलाश शुरू कर दी है। खबरों के मुताबिक दो महीने में कांग्रेस के नये अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो सकती है।
वेबसाइट एनडीटीवी ने सूत्रों के मुताबिक दावा किया है कि कांग्रेस का नया अध्यक्ष दो महीने के भीतर ही चुन लिया जायेगा। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी की ओर से यह भी साफ कर दिया गया है कि कांग्रेस का नया अध्यक्ष गांधी परिवार का नहीं होगा। राहुल गांधी ने पिछली कार्यसमिति की बैठक में भी यह कहा था कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी को इस सब मामलों में ना लाया जाए। यानी इस लिस्ट में प्रियंका गांधी का भी नाम शामिल नहीं है। अध्यक्ष पद के रेस में सोनिया गांधी का भी नाम नहीं है, वो पहले ही अपने स्वास्थ्य को लेकर पहले ही पार्टी में सक्रियता कम कर चुकी हैं। अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस पार्टी की इतिहास में 21 साल बाद कोई ऐसा अध्यक्ष बनेगा, जो गांधी परिवार से नहीं है।
सोनिया गांधी सीताराम केसरी की जगह 1998 में कांग्रेस अध्यक्ष बनी थीं। सोनिया गांधी दिसंबर 2017 तक पार्टी अध्यक्ष रहीं। उनके बाद उनके बेटे और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी संभाली थी। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को महज 52 सीटों पर जीत मिली जिसके बाद राहुल गांधी कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। अभी तक राहुल ने अपना इस्तीफा वापस नहीं लिया है।
पार्टी के सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अब ऐसे नाम पर विचार कर रही है, जिसपर गांधी परिवार की भी सहमति हो और पार्टी के शीर्ष नेताओं को भी मंजूर हो। हालांकि अध्यक्ष पद के लिए किन-किन नेताओं का नाम लिस्ट में है, इस पर कोई सूचना अभी नहीं है। लेकिन इतना तो तय माना जा रहा है कि इस लिस्ट में अशोक गहलोत, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम जैसे नेता नहीं होंगे, क्योंकि राहुल गांधी ने 25 मई को CWC की बैठक में कहा था कि अशोक गहलोत, मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम जैसे कई बड़े नेताओं ने लोकसभा चुनाव-2019 में पार्टी को नजरअंदाज करते हुए, सिर्फ अपने रिश्तेदारों पर ध्यान लगाया।
महाराष्ट्र, हरियाणा सहित अन्य राज्यों के चुनावों को देखते हुए कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि अध्यक्ष पद के लिए नाम जल्दी ही फाइनल हो जाना चाहिए। हालांकि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का प्लान था कि राहुल गांधी से कहा जाए कि वे फिलहाल तीन चार महीने तक जब तक कि महाराष्ट्र, हरियाणा सहित अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव सम्पन्न नहीं हो जाते तब तक अध्यक्ष पद पर बने रहे इस दौरान पार्टी उनके विकल्प की तलाश जारी रखेगी।
सूत्रों का कहना था कि राहुल गांधी से यह भी आग्रह किया जा रहा है कि तीन महीने के कार्यकाल में वे पार्टी संगठन में किए जाने वाले परिवर्तनों को अंजाम दें। पार्टी नेताओं का यह फार्मूला राहुल गांधी ने स्वीकार नहीं किया। लोकसभा चुनाव-2019 में कांग्रेस को सिर्फ 52 सीटें मिली हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) 303 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत से जीती है।