सोनिया गांधी ने गठित की कमेटी, कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले गुलाम नबी, आनंद शर्मा और थरूर को जगह, राहुल-प्रियंका का नाम नहीं
By शीलेष शर्मा | Published: November 20, 2020 07:35 PM2020-11-20T19:35:17+5:302020-11-20T19:37:11+5:30
सोनिया गांधी ने गोवा रवाना होने से पहले तीन महत्वपूर्ण कमेटियों का गठन किया जिसमें अधिकांश उन ग्रुप 23 के नेताओं को शामिल किया, जिन्होंने उनको पिछले दिनों पत्र लिख कर नेतृत्व और उसकी कार्यशैली पर सवाल खड़े किये थे।
नई दिल्लीः कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर मुखर हुए नेताओं को कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ सौंप कर यह साफ़ कर दिया कि पार्टी नेतृत्व को उनसे कोई गुरेज़ नहीं है।
दरअसल सोनिया ने गोवा रवाना होने से पहले तीन महत्वपूर्ण कमेटियों का गठन किया जिसमें अधिकांश उन ग्रुप 23 के नेताओं को शामिल किया, जिन्होंने उनको पिछले दिनों पत्र लिख कर नेतृत्व और उसकी कार्यशैली पर सवाल खड़े किये थे। इनमें गुलाम नबी आज़ाद, आनंद शर्मा, वीरप्पा मोइली सरीखे नेता शामिल थे।
सोनिया ने जिन कमेटियों का गठन किया उसमें आर्थिक मामलों की समिति,विदेश मामलों की समिति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी समिति शामिल है। आर्थिक मामलों की समिति में जयराम रमेश संयोजक, पी चिदंबरममनमोहन सिंह,मल्लिकार्जुन खड़गे और दिग्विजय सिंह शामिल हैं।
विदेश मामलों की समिति में सलमान ख़ुर्शीद संयोजक,आनंद शर्मा,शशि थरूर,मनमोहन सिंह और सप्तगिरि उल्का के नाम हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों को देखने के लिये बनी समिति में मनमोहन सिंह, गुलामनबी आज़ाद, वीरप्पा मोइली, वी वैथिलिंगम के साथ विसेंट एच पाला को संयोजक नियुक्त किया गया है।
यह समितियां पार्टी को अपने अपने अधिकार क्षेत्र वाले विषयों पर निति निर्धारण के लिये परामर्श देंगी। सोनिया ने संयोजक पदों की ज़िम्मेदारी उन नेताओं को सौंपी है जो नेतृत्व के विश्वास पात्र हैं ,साथ ही युवा ब्रिगेड को इन समितियों से दूर रखा है।
कांग्रेस ने आर्थिक मामले, विदेश मामले और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर पार्टी की नीतियों पर विचार के लिये तीन समितियों का गठन किया है, जिनकी अगुवाई पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करेंगे। पार्टी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक सोनिया गांधी ने इन समितियों का गठन किया है, जो विदेश, राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक मामलों को लेकर नीतियों और मुद्दों पर विचार कर उन्हें सूचित करेंगे। इन समितियों में पी चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद, दिग्विजय सिंह और कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं।