सोनिया गांधी ने पार्टी सांसदों से की चर्चा, संसद में सरकार को घेरने की बनायी रणनीति
By शीलेष शर्मा | Published: July 11, 2020 07:02 PM2020-07-11T19:02:12+5:302020-07-11T19:02:12+5:30
कोविड-19 , लॉकडाउन, भारत -चीन सीमा पर विवाद और देश में घट रहे राजनैतिक घटनाक्रम जैसे मुद्दे बैठक के एजेंडे में शामिल थे। सोनिया ने सभी लोक सभा सांसदों का आह्वान किया की वे अभी से लोक सभा सत्र की तैयारी में जुट जाएँ तथा उन तथ्यों को एकत्रित करें जिनके आधार पर सरकार को घेरा जा सके।
नई दिल्ली: सरकार द्वारा संसद बुलाने की सुगबुगाहट के बीच कांग्रेस ने संसद में सरकार को घेरने की तैयारी शुरु कर दी है। यह संकेत आज उस समय मिले जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने वीडियो कांफ्रेंस के ज़रिये पार्टी सांसदों से लंबी चर्चा की। उच्चपदस्त सूत्रों के अनुसार सोनिया ने प्रत्येक लोक सभा सांसद से उनके संसदीय क्षेत्र में कोरोना महामारी का ब्योरा माँगा और हिदायत दी की यही समय है जब उनको आगे बढ़कर ज़रूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए।
कोविड-19 , लॉकडाउन, भारत -चीन सीमा पर विवाद और देश में घट रहे राजनैतिक घटनाक्रम जैसे मुद्दे बैठक के एजेंडे में शामिल थे। सोनिया ने सभी लोक सभा सांसदों का आह्वान किया की वे अभी से लोक सभा सत्र की तैयारी में जुट जाएँ तथा उन तथ्यों को एकत्रित करें जिनके आधार पर सरकार को घेरा जा सके।
मोदी सरकार की आलोचना करते हुए राहुल गाँधी ने चीनी सेना की घुसपैंठ और सरकार के झूठ बोलने की बात उठा कर इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाने की राय रखी जबकि के सुरेश ,दीपक बैज सहित अनेक सांसदों ने अपने संसदीय क्षेत्र में बेरोज़गारी और उद्योगों के बंद हो जाने का उल्लेख किया , जिसके जवाब में सोनिया ने ज़ोर देते हुए कहा की कांग्रेस लगातार ग़रीबों के हाथ में नकद पैसा देने की बात उठा रही है लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं।
इसलिए जब संसद का सत्र शुरू होगा तब कांग्रेस को यह मुद्दा ज़ोर शोर से उठाना है। बिहार के सांसद मोहम्मद जावेद ने पार्टी में पूर्णकालिक अध्यक्ष का मुद्दा उठाते हुये सोनिया से आग्रह किया कि वह राहुल को जिम्मेदारी लेने के लिये तैयार करें।
गोवा के सांसद फ्रांसिस्को सरदिन्हा ने राहुल का नाम लेकर साफ किया कि वह जनता के मुद्दों को लेकर बहादुरी से सरकार से लड़ रहे हैं ,सरदिन्हा ने एम पी लेड का मुद्दा उठाते हुये सोनिया से पी एम को पत्र लिखने की बात कही और साफ़ किया कि चुने हुये सांसदों की जबाब देही होती है ,फिर से चुनना है तो क्षेत्र में काम कराने होंगे अतः सांसद निधि का पैसा सांसद के खाते में आना चाहिये।
कुछ सांसदों ने प्रवासी मज़दूरों, बढ़ती महंगाई, पेट्रोल डीज़ल के बढ़ते दामों,रेलवे के निजी करण आदि को लेकर सवाल किये जिनको पार्टी अध्यक्ष ने संसद में उठाने की सलाह दी। पार्टी के वरिष्ठ सांसद इस बात से ख़ासे नाराज़ थे की सरकार एक तरफ़ा फैसले ले रही है , वह ना तो चर्चा करती है और ना किसी को विश्वास में लेती है। जिस पर पार्टी ने तय किया की संसद के आगामी सत्र में वह सरकार पर दवाब बनाएगी की पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ी हुई कीमतों को वापस लिया जाए और मोदी संसद को बताएं की नियंत्रण रेखा पर वास्तविक स्तिथि क्या है।