'षडयंत्र भी हारा और तानाशाह शासकों का अहंकार भी', कृषि कानूनों की वापसी पर बोलीं सोनिया गांधी
By शीलेष शर्मा | Published: November 19, 2021 06:48 PM2021-11-19T18:48:12+5:302021-11-19T18:48:12+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 'राष्ट्र के नाम संबोधन' में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया। इसके बाद से विपक्षी पार्टियां एक बार फिर सरकार पर हमलावर हैं।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तीन कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए मोर्चा खोल दिया है। सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने सरकार पर हमला बोला।
षडयंत्र भी हारा और अहंकार भी: सोनिया गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बयान ज़ारी कर कहा, 'आज सत्ता में बैठे लोगों द्वारा बुना गया किसान-मजदूर विरोधी षडयंत्र भी हारा और तानाशाह शासकों का अहंकार भी। आज रोजी-रोटी और किसानी पर हमला करने की साजिश भी हारी। आज खेती-विरोधी तीनों काले कानून हारे और अन्नदाता की जीत हुई।'
वहीं, राहुल गांधी ने किसानों के समर्थन में कांग्रेस के संघर्ष को ज़ारी रखने की बात दोहराते हुये ट्वीट किया, 'देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!'
इसके ठीक बाद बाद राहुल ने दूसरा ट्वीट किया, 'जीत उनकी भी है जो लौट के घर ना आए… हार उनकी ही है जो अन्नदाताओं की जान बचा ना पाए।'
सोनिया-राहुल के साथ प्रियंका गांधी ने भी ट्विटर पर अपनी बात रखते हुए कहा, '600 से अधिक किसानों की शहादत, 350 से अधिक दिन का संघर्ष, नरेंद्र मोदी जी आपके मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल कर मार डाला, आपको कोई परवाह नहीं थी। आपकी पार्टी के नेताओं ने किसानों का अपमान करते हुए उन्हें आतंकवादी, देशद्रोही, गुंडे, उपद्रवी कहा, आपने खुद आंदोलन जीवी बोला, उन पर लाठियां बरसाईं, उन्हें गिरफ्तार किया। अब चुनाव में हार दिखने लगी तो आपको अचानक इस देश की सच्चाई समझ में आने लगी - कि यह देश किसानों ने बनाया है, यह देश किसानों का है, किसान ही इस देश का सच्चा रखवाला है और कोई सरकार किसानों के हित को कुचलकर इस देश को नहीं चला सकती। आपकी नियत और आपके बदलते हुए रुख़ पर विश्वास करना मुश्किल है।'
अखिलेश ने भी बोला मोदी सरकार पर हमला
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कुछ इस तरह मोदी पर निशाना साधा, 'चुनाव में हार के डर से वापस लिये हैं कृषि कानून, चुनाव बाद फिर यह वापस ले आयेंगे यही कानून, इनका दिल साफ़ नहीं है। क़ानूनों की वापसी किसानों के लिए नहीं की, उत्तर प्रदेश में चुनाव हारने के डर से की है।'
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया, 'उत्तर प्रदेश के चुनाव हारने का डर या इसका खामियाज़ा भुगतने की आशंका ने मोदी सरकार को कृषि कानून वापस लेने को मज़बूर किया।'
वाम नेता सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी- 'किसानों को बधाई, सफलतापूर्वक आंदोलन चलाने के लिये, अफ़सोस 750 किसानों की मौत, एक साल के आंदोलन जिसने घमंडी सरकार को झुकने पर मज़बूर किया, बाबजूद मोदी ने मारे गये किसानों के लिए कोई संवेदना व्यक्त नहीं की। जब तक एमएसपी और उसका किसानों को कानूनी हक नहीं मिलता संघर्ष जारी रहेगा।'