"कुछ रिटायर्ड जज 'एंटी इंडियन गैंग' का हिस्सा है, वो न्यायपालिका को सरकार के खिलाफ करने का प्रयास कर रहे हैं", किरेन रिजिजू ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 19, 2023 08:55 AM2023-03-19T08:55:20+5:302023-03-19T08:59:44+5:30
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इंडिया टुडे समूह के कॉन्क्लेव में बोलते हुए कहा कि देश में कुछ ऐसे भी सेवा पूर्ण कर चुके जज हैं, जो एंटी इंडियन गैंग के साथ मिले हुए हैं और न्यायपालिक को सरकार के खिलाफ भड़काने के काम में लगे हुए हैं।

फाइल फोटो
दिल्ली: कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कुछ रिटायर्ड जजों पर बेहद गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि देश में कुछ ऐसे भी सेवा पूर्ण कर चुके जज हैं, जो एंटी इंडियन गैंग के साथ मिले हुए हैं और न्यायपालिक को सरकार के खिलाफ भड़काने के काम में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ रिटायर्ड जज भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं, जो न्यायपालिका को मजबूर कर रहे हैं कि वो सरकार के खिलाफ विपक्षी दल की भूमिका निभाये।
समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इंडिया टुडे समूह के कॉन्क्लेव में बोलते हुए कहा, "देश के खिलाफ काम करने वालों को कीमत चुकानी पड़ेगी।" उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में भारतीय न्यायपालिका को कमजोर करने और इसे सरकार के खिलाफ काम करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
कानून मंत्री रिजिजू ने कहा, "हाल में जजों की जवाबदेही पर एक गोष्ठी का आयोजन हुआ था, लेकिन उसमें जजों की जवाबदेही पर चर्चा की बजाय यह बात उठी कि किस तरह से कार्यपालिका न्यायपालिका को प्रभावित कर रही है। ऐसे भी कुछ रिटायर्ड जज हैं, जो बतौर भारत विरोधी गिरोह के एक्टिविस्ट की तरह काम कर रहे हैं। जिनका प्रयास है कि न्यायपालिका की कार्यशैली को विपक्षी दलों की तरह बदल दिया जाए ताकि वो सरकार के खिलाफ काम करें।”
उन्होंने कहा, "कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट भी जाते हैं और कहते हैं कि सरकार पर लगाम लगाएं। लेकिन यह नहीं हो सकता है। न्यायपालिका तटस्थ है और हमारे न्यायाधीश किसी समूह या राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं हैं। आखिर वो लोग खुले तौर पर कैसे कह सकते हैं कि भारतीय न्यायपालिका को सरकार के खिलाफ काम करना चाहिए?"
इन बातों के साथ कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ब्रिटेन में राहुल गांधी द्वारा हाल में भारतीय लोकतंत्र पर की गई टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की बातों से देश और विदेश में भारतीय न्यायपालिका को कमजोर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
रिजिजू ने कहा, “कोई भी, राहुल गांधी या कोई और भी कहता है कि भारतीय न्यायपालिका को हाईजैक कर लिया गया है या देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है। न्यायपालिका मर गई है। आखिर इसका क्या मतलब है? दरअसल भारतीय न्यायपालिका को कमजोर करने के लिए सोच-समझकर प्रयास किया जा रहा है। यही कारण है कि वे रोजाना यह कहने की कोशिश करते हैं कि सरकार भारतीय न्यायपालिका को अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रही है।”
उन्होंने कहा, “एक ही तरह का देश विरोध तंत्र भारत के अंदर और भारत के बाहर काम कर रहा है। लेकिन वो याद रखें कि भारत के लोग मोदीजी और सरकार के साथ हैं। टुकड़े-टुकड़े गैंग इस तरह से भारत की अखंडता और संप्रभुता को नष्ट कर दे, ऐसा हम नहीं होने देंगे।”
सरकारी एजेंसियों द्वारा हाल में लिये गये एक्शन के संबंध में किरेन रिजिजू ने कहा, "एजेंसियां कानूनी प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करेंगी और उससे कोई नहीं बच सकता है। जिन लोगों ने देश के खिलाफ काम किया है, उन्हें इसकी कीमत तो चुकानी होगी।"
मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के संबंध में कानून मंत्री रिजिजू ने कहा कि सभी संस्थाओं को संवैधानिक लक्ष्मण रेखा याद रखनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति संविधान में निर्धारित है। संसद को कानून बनाना है। उसी के अनुसार नियुक्ति की जानी है। मैं मानता हूं कि संसद में उसके लिए कोई कानून नहीं है। लेकिन मैं जो कह रहा हूं वह यह है कि अगर भारत के मुख्य न्यायाधीश या जज हर महत्वपूर्ण नियुक्ति पर बैठेंगे तो कोर्ट के काम को कौन आगे बढ़ाएगा?"
उन्होंने न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंधित कॉलेजियम सिस्टम पर बात करते हुए कहा कि कॉलेजियम सिस्टम से हुई कुछ जजों की नियुक्ति के संबंध में कुछ जजों को लेकर सरकार की आपत्तियां थीं।
उन्होंने कहा, "मेरे पास अभी कुछ नाम हैं, जिनके बारे में जनता, राज्य सरकारों और बार एसोसिएशन द्वारा बहुत सारी शिकायतें हैं। लेकिन मैं उसे कभी सार्वजनिक नहीं करता हूं। अगर एक न्यायाधीश ने दूसरे न्यायाधीश के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी लिखी है तो मुझे इसे सार्वजनिक नहीं करना चाहिए। सार्वजनिक जीवन में कुछ ईमानदारी होनी चाहिए।"