अभी तक 642 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलायी गईं, करीब आठ लाख प्रवासियों को पहुंचाया गया घर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 13, 2020 09:42 PM2020-05-13T21:42:06+5:302020-05-13T21:42:06+5:30

सोमवार से, प्रत्येक 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेन में 1,700 यात्रियों को ले जाना शुरू कर दिया गया था, उससे पहले ऐसी ट्रेनों में 1,200 लोगों को ले जाया जा रहा था। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि अधिक से अधिक श्रमिकों को उनके घर ले जाया जा सके।

So far 642 workers special trains were run, nearly eight lakh migrants were transported home | अभी तक 642 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलायी गईं, करीब आठ लाख प्रवासियों को पहुंचाया गया घर

श्रमिक स्पेशल ट्रेन सेवा शुरू होने के बाद से सबसे अधिक ट्रेनें गुजरात से शुरू हुईं।

Highlightsरेलवे ने एक मई से 642 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया हैदेश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन के चलते फंसे आठ लाख प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाया गया।

नयी दिल्ली:  रेलवे ने एक मई से 642 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन के चलते फंसे आठ लाख प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाया गया। यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी। इनमें से सबसे अधिक ट्रेनें (301) उत्तर प्रदेश और उसके बाद बिहार (169) पहुंचीं। अन्य राज्यों में मध्य प्रदेश में 53, झारखंड में 40 ट्रेनें, ओडिशा में 38, राजस्थान में आठ, पश्चिम बंगाल में सात, छत्तीसगढ़ में छह और उत्तराखंड में चार ट्रेनें पहुंचीं।

आंध्र प्रदेश, जम्मू कश्मीर और महाराष्ट्र में तीन-तीन ट्रेनें पहुंचीं, जबकि एक-एक ट्रेन हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर, मिजोरम, तमिलनाडु, तेलंगाना और त्रिपुरा पहुंचीं। रेलवे ने कहा है कि ट्रेनों में सवार होने से पहले यात्रियों की उचित स्क्रीनिंग की जाती है। यात्रा के दौरान यात्रियों को मुफ्त भोजन और पानी दिया जाता है।

सोमवार से, प्रत्येक 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेन में 1,700 यात्रियों को ले जाना शुरू कर दिया गया था, उससे पहले ऐसी ट्रेनों में 1,200 लोगों को ले जाया जा रहा था। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि अधिक से अधिक श्रमिकों को उनके घर ले जाया जा सके। शुरूआत में इन ट्रेनों का बीच में कोई ठहराव नहीं था लेकिन रेलवे ने सोमवार को घोषणा की कि गंतव्य राज्य के रास्ते में इन ट्रेनों को तीन स्थानों तक रुकने की इजाजत होगी।

अधिकारियों ने कहा कि ये निर्णय कई राज्य सरकारों द्वारा इस बारे में अनुरोध करने के बाद किया गया। रेलवे ने इन विशेष सेवाओं पर हुए खर्च की घोषणा अभी नहीं की है लेकिन अधिकारियों ने संकेत दिया कि प्रति सेवा करीब 80 लाख रुपये खर्च कर रहा है। केंद्र ने पहले कहा था कि ट्रेन सेवा की लागत केंद्र और राज्यों के बीच 85:15 अनुपात में साझा किया गया।

श्रमिक स्पेशल ट्रेन सेवा शुरू होने के बाद से सबसे अधिक ट्रेनें गुजरात से शुरू हुईं, इसके बाद केरल का नम्बर है। बिहार और उत्तर प्रदेश इन ट्रेनों के शीर्ष गंतव्य राज्य हैं। इससे पहले रेलवे इन सेवाओं के लिए शुल्क वसूलने को लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर आया था। सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रेलवे फंसे हुए मजदूरों को तेजी से पहुंचाने के लिए अब प्रतिदिन 100 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाएगा।

Web Title: So far 642 workers special trains were run, nearly eight lakh migrants were transported home

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