जम्मू-कश्मीर में चौथे दिन भी बर्फबारी जारी, 5000 वाहन फंसे, हवाई यातायात बाधित
By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 16, 2020 05:39 AM2020-01-16T05:39:18+5:302020-01-16T05:39:18+5:30
बर्फबारी मंगलवार देर रात शुरू हुई थी. अगले कुछ दिनों तक बर्फबारी जारी रहने का अनुमान जताया गया है. इस बुधवार को बर्फबारी के कारण श्रीनगर हवाई अड्डे पर हवाई यातायात प्रभावित हुआ. अंतिम रिपोर्ट प्राप्त होने तक यहां कोई विमान उतर नहीं पाया था. बर्फ गिरने के कारण दृश्यता घट गई और हवाईपट्टी पर बर्फ भी जम गई. मौसम में सुधार होता है तो हवाई यातायात बहाल किया जा सकता है.
कश्मीर घाटी में बुधवार को लगातार चौथे दिन बर्फबारी हुई जिससे हवाई यातायात प्रभावित हुआ. इसके साथ ही जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन की ताजा घटनाओं के कारण करीब 5000 वहन फंस गए हैं. मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि मैदानी इलाकों में मामूली बर्फबारी हुई लेकिन घाटी के, ऊंचाई पर स्थित क्षेत्रों, जम्मू और लद्दाख में भारी बर्फबारी हुई है.
बर्फबारी मंगलवार देर रात शुरू हुई थी. अगले कुछ दिनों तक बर्फबारी जारी रहने का अनुमान जताया गया है. इस बुधवार को बर्फबारी के कारण श्रीनगर हवाई अड्डे पर हवाई यातायात प्रभावित हुआ. अंतिम रिपोर्ट प्राप्त होने तक यहां कोई विमान उतर नहीं पाया था. बर्फ गिरने के कारण दृश्यता घट गई और हवाईपट्टी पर बर्फ भी जम गई. मौसम में सुधार होता है तो हवाई यातायात बहाल किया जा सकता है.
राजमार्ग पर 5,000 से ज्यादा वाहन फंसे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ताजा भूस्खलन की घटनाओं के बाद लगातार तीसरे दिन भी बुधवार को मार्ग बंद रहा जिसके चलते 5,000 से ज्यादा वाहन फंसे हैं. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रामबन जिले के डिगडोल और पंथियाल में भूस्खलन की चार ताजा घटनाएं हुईं. आज तीसरे दिन भी राजमार्ग बंद रहा.
सोमवार को भारी बारिश के बाद मोउमपासी, डिगडोल और पंथियाल में चट्टानों के गिरने की घटनाएं हुईं. इसके बाद आवाजाही पर रोक लगा दी गई. इस राजमार्ग के कश्मीर तरफ वाले हिस्से में हुई बर्फबारी के बाद रविवार से ही राजमार्ग बंद है. उन्होंने बताया, जम्मू-कश्मीर के नगरोटा से वाहनों को आगे जाने की अनुमति नहीं है.
इस बंद के बाद कठुआ जिले के लखनपुर से लेकर रामबन जिले के बनिहाल तक 5000 से ज्यादा वाहन फंसे हैं. एलओसी पर मचाई भारी तबाही पिछले कई दिनों से कश्मीर में हो रही जबरदस्त बर्फबारी ने एलओसी के इलाकों में भयानक तबाही मचाई है. खासकर सैन्य प्रतिष्ठान और सैनिक इसके शिकार हो रहे हैं. उल्लेखनीय है कि तीन दिनों में बर्फर्ीले तूफान और हिमस्खलन 12 लोगों की जानें जा चुकी हैं.
घुसपैठियों को रोकने की खातिर लगाई गई तारबंदी भी कई स्थानों पर ढह गई है जिस कारण सेना को मौसम की भयानक परिस्थितियों में चौकसी और सतर्कता बढ़ानी पड़ी है. हिमस्खलन में कई सैन्य पोस्ट दब गए हैं और बर्फबारी ने उस तारबंदी को बुरी तरह से कई इलाकों में क्षतिग्रस्त कर दिया है जो पाकिस्तानी क्षेत्र से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए लगाई गई थी. सेना प्रवक्ता के मुताबिक फिलहाल इसका अंदाजा लगाना कठिन है कि तारबंदी के कितने किमी के हिस्से को क्षति पहुंची है.