कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं तो स्पुतनिक की एक ही डोज है काफी, स्वास्थ्यकर्मियों पर किए गए शोध में खुलासा
By अभिषेक पारीक | Published: July 12, 2021 10:03 PM2021-07-12T22:03:28+5:302021-07-12T22:04:55+5:30
अब सामने आए एक शोध के मुताबिक कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों के लिए स्पुतनिक वी की एक डोज ही काफी है और दूसरी डोज का इस्तेमाल करने का कोई स्पष्ट लाभ नहीं है। स्पुतनिक कोरोना वायरस के खिलाफ 94 फीसद तक असरदार है।
देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर की खबरों के बीच लोग कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज जल्द से जल्द लगवा लेना चाहते हैं। ऐसे लोगों में वो लोग भी शामिल हैं, जो कोरोना से ठीक हो चुके हैं। हालांकि अब सामने आए एक शोध के मुताबिक कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों के लिए स्पुतनिक वी की एक डोज ही काफी है और दूसरी डोज का इस्तेमाल करने का कोई स्पष्ट लाभ नहीं है। स्पुतनिक कोरोना वायरस के खिलाफ 94 फीसद तक असरदार है।
अर्जेंटीना के स्वास्थ्यकर्मियों पर किया गया यह अध्ययन साइंस डायरेक्ट जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन के मुताबिक, वैक्सीन की पहली खुराक के 21 दिनों के बाद 94 फीसद लोगों में स्पाइक स्पेसिफिक एंटीबॉडी विकसित हो गई। शोधकर्ताओं के मुताबिक, कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों को स्पुतनिक वी की सिर्फ एक डोज बेहतर एंटीबॉडी का स्तर देती है।
डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 90 फीसद प्रभावी
हाल ही में स्पुतनिक वी के निर्माताओं ने डेल्टा वेरिएंट को लेकर भी वैक्सीन को प्रभावी बताया था। निर्माताओं का दावा था कि यह डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 90 फीसद तक प्रभावी रहा है।
भारत में भी मिलते-जुलते परिणाम
दूसरी ओर, भारत में भी इस तरह का एक शोध हुआ है। हैदराबाद के एआईजी अस्पतालों के अध्ययन में सामने आया था कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों में मजबूत एंटीबॉडी प्रतिक्रिया के कारण वैक्सीन की सिर्फ एक ही खुराक पर्याप्त होती है। इस अध्ययन में भी स्वास्थ्यकर्मियों को शामिल किया गया था। 16 जनवरी से 5 फरवरी के बीच 260 स्वास्थ्यकर्मियों को कोविशील्ड वैक्सीन लगाई गई थी।
कोविशील्ड और कोवैक्सीन के बाद तीसरी वैक्सीन
बता दें कि भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सिन के बाद स्पुतनिक वी तीसरी वैक्सीन है जिसका इस्तेमाल वैक्सीनेशन में किया जा रहा है। भारत में तीसरे टीके के रूप में इसे मान्यता दी गई है।