चर्चा होनी चाहिए कि क्या संसद सर्वोच्च है या न्यायपालिका: भाजपा सदस्य
By भाषा | Published: July 12, 2019 07:39 PM2019-07-12T19:39:16+5:302019-07-12T19:39:16+5:30
निचले सदन में गैर सरकारी सदस्यों के कार्य के तहत भाजपा के जनार्दन सिंह सीग्रीवाल की ओर से लाए निजी विधेयक ‘अनिवार्य मतदान विधेयक 2019’ पर चर्चा में भाग लेते हुए दुबे ने कहा कि नोटा (इनमें से कोई नहीं) इस देश के लोकतंत्र के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा है।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने नोटा और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) से जुड़े उच्चतम न्यायालय के आदेशों का हवाला देते हुए शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि इस पर चर्चा होनी चाहिए कि संसद सर्वोच्च है या न्यायपालिका।
निचले सदन में गैर सरकारी सदस्यों के कार्य के तहत भाजपा के जनार्दन सिंह सीग्रीवाल की ओर से लाए निजी विधेयक ‘अनिवार्य मतदान विधेयक 2019’ पर चर्चा में भाग लेते हुए दुबे ने कहा कि नोटा (इनमें से कोई नहीं) इस देश के लोकतंत्र के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोग मतदान के समय नोटा का बटन दबा रहे हैं उससे तो एक दिन अराजकता पैदा हो जाएगी और फिर लोकतंत्र के लिए खतरा होगा। दुबे ने नोटा और एनजेएसी से जुड़े न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि हम सुनते और पढ़ते आ रहे हैं कि संसद सर्वोच्च है।
लेकिन अब तो इस संसद में इस पर चर्चा होनी चाहिए कि क्या संसद सर्वोच्च है या न्यायपालिका। भाजपा के अजय मिश्रा ने कहा कि देश में अनिवार्य मतदान संभव नहीं है। भाजपा के ही जगदंबिका पाल ने अनिवार्य मतदान विधेयक का समर्थन किया। इस गैर सरकारी विधेयक पर चर्चा अधूरी रही।