अडाणी एंटरप्राइजेज को झटका, ज्यूरिख एयरपोर्ट ने मारी बाजी, मिला जेवर हवाईअड्डे का ठेका, यह देश का सबसे बड़ा हवाईअड्डा होगा, लागत 29,560 करोड़
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 29, 2019 05:27 PM2019-11-29T17:27:08+5:302019-11-29T17:27:08+5:30
कंपनी ने दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) और अडाणी एंटरप्राइजेज और एंकरेज इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स लि जैसी कंपनी में पीछे छोड़ दिया। स्विट्जरलैंड की कंपनी ने राजस्व में हिस्सेदारी के मामले में प्रति यात्री सबसे ऊंची बोली लगायी है। तैयार होने के बाद यह देश का सबसे बड़ा हवाईअड्डा होगा।
जेवर हवाईअड्डे के विकास का अनुबंध देने के लिए स्विट्जरलैंड की कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को शुक्रवार को चुना गया।
इसके लिए जारी अंतराष्ट्रीय निविदा में इस कंपनी ने दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) और अडाणी एंटरप्राइजेज और एंकरेज इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स लि जैसी कंपनी में पीछे छोड़ दिया। स्विट्जरलैंड की कंपनी ने राजस्व में हिस्सेदारी के मामले में प्रति यात्री सबसे ऊंची बोली लगायी है। तैयार होने के बाद यह देश का सबसे बड़ा हवाईअड्डा होगा।
अधिकारियों ने बताया कि स्विट्जरलैंड की कंपनी ने प्रति यात्री सबसे ऊंची बोली लगायी है। परियोजना के नोडाल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया ने कहा कि जेवर हवाईअड्डा या नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जब पूरी तरह विकसित हो जाएगा तो यह 5,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला होगा।
इसकी अनुमानित लागत 29,560 करोड़ रुपये आंकी गयी है। उन्होंने कहा,‘‘ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल ने इसके लिए सबसे अधिक बोली लगायी थी।’’ जेवर हवाईअड्डा के लिए 30 मई को अंतरराष्ट्रीय निविदा जारी की थी। इस हवाईअड्डा के प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक एजेंसी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नायल) गठित की है।
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बनने वाला यह तीसरा हवाईअड्डा पूरी तरह से नए सिरे से विकसित (ग्रीनफील्ड) किया जाएगा। इससे पहले दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा और गाजियाबाद में हिंडन हवाईअड्डा मौजूद है।
अधिकारी ने बताया कि पूरी तरह बनकर तैयार होने के बाद नायल पर छह से आठ हवाई पट्टियां होंगी जो देश में अब तक किसी हवाई अड्डे की तुलना में सबसे अधिक होंगी। पहले चरण में हवाईअड्डे का विकास 1,334 हेक्टेयर क्षेत्र में किया जाएगा। इस पर 4,588 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इसके 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।