अटका मंत्रिमंडल का विस्तार, शिवराज सिंह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और संगठन मंत्री के साथ दिल्ली से लौटे भोपाल
By शिवअनुराग पटैरया | Published: June 30, 2020 07:58 PM2020-06-30T19:58:49+5:302020-06-30T19:58:49+5:30
शिवराज सिंह चौहान अपने पिछले तीन मंत्रिमंंडलों में रहे काफी लोगों को मंत्री बनाना चाह रहे थे, वहीं भाजपा भाजपा के राष्टÑीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा के राष्टÑीय संगठन मंत्री बीएल संतोष का मत है कि पुरानों के स्थान पर ज्यादा नए लोगों को मंत्रिमंडल में जगह दी जाए ताकि प्रदेश में पार्टी का नया नेतृत्व विकसित हो सके.
भोपाल: मध्य प्रदेश के शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार अटक गया है. पहले माना जा रहा था कि 30 जून को राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. अब कब विस्तार होगा यह तय नहीं है. इसी के चलते राजधानी पहुंचे सिंधिया समर्थक भी वापस अपने घरों को लौट गए हैं.जानकार सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल किए जाने वाले नामों पर सहमति न बन पाने के कारण विस्तार अटक गया है. बताया जा रहा है कि भाजपा का राष्टÑीय नेतृत्व, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के द्वारा सुझाये गए पुराने लोगों के नामों पर सहमत नहीं है, वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेतृत्व के द्वारा पुरानों के स्थान पर नए चेहरों को मंत्री बनाने पर सहमत नहीं हैं.
नेतृत्व की तरफ से कहा गया कि राज्य मंत्रिमंडल में पुराने चेहरों यानि पूर्व मंत्रियों के स्थान पर नए चेहरों को ज्यादा स्थान दिया जाए. शिवराज सिंह चौहान अपने पिछले तीन मंत्रिमंंडलों में रहे काफी लोगों को मंत्री बनाना चाह रहे थे, वहीं भाजपा भाजपा के राष्टÑीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा के राष्टÑीय संगठन मंत्री बीएल संतोष का मत है कि पुरानों के स्थान पर ज्यादा नए लोगों को मंत्रिमंडल में जगह दी जाए ताकि प्रदेश में पार्टी का नया नेतृत्व विकसित हो सके. पार्टी नेतृत्व की इस राय के बाद भोपाल के भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा व विष्णु खत्री में से किसी एक का और इंदौर के रमेश मेंदोला, मालिनी गौड और उषा ठाकुर में से किन्हीं एक दो का मंत्री बनना तय माना जा रहा है. इसके साथ ही उज्जैन के विधायक डा. मोहन यादव का नाम भी संभावित सूची में बताया जा रहा है. वहीं पार्टी नेतृत्व को हरी झंडी न मिलने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा और संगठनमंत्री सुहास भगत सुबह दिल्ली से भोपाल लौट आए.
जिन नामों पर नेतृत्व को आपत्ति :
भाजपा नेतृत्व को पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव , पूर्व मंत्री रामपाल सिंह, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह पूर्व मंत्री विजय शाह, पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन, पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला, पूर्व मंत्री अजय विश्नोई, और पूर्व मंत्री पारस जैन के नामों को लेकर आपत्ति बताई जा रही है. पूर्व मंत्री इमरती देवी, पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं पूर्व मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी के नाम संभावित मंत्रियां की सूची में तय माने जा रहे हैं. वहीं सिंधिया के साथ ही कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में आए पूर्व विधायक एंदल सिंह कंसाना, पूर्व विधायक हरदीप सिंह डंग, और पूर्व विधायक बिसाहूलाल सिंह के नाम भी तय है. वैसे यह तीनों लोग सिंधिया समर्थक नहीं हैं.
कुछ सिंधिया समर्थकों के नाम भी अटके :
बताया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से भाजपा में आए, ओ.पी.एस. भदौरिया, रणबीर जाटव और राज्यवर्धन सिंह को लेकर भी भाजपा नेतृत्व ने कुछ आपत्ति जताई है. लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया इन नामों पर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. गोपाल ने जताई चिंता : पूर्व नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव ने वरिष्ठों के स्थान पर नये चेहरों को मंत्री बनाये जाने की खबरों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस ने जो गलती की थी, वही गलती भाजपा कर रही है. वरिष्ठों का सहयोग लिया जाना चाहिए.
गौरतलब है कि शिवराज सिंह चौहान ने बीते 23 मार्च को कमलनाथ सरकार के पतन के बाद मुख्यमंत्री की शपथ ली थी. इसके लगभग एक माह बाद 21 अप्रैल को उन्होंने 5 मंत्रियों को शपथ दिलाकर कैबिनेट का विस्तार किया था. इसके बाद से लगातार मंत्रिमंडल का विस्तार करने के कयास लगाए जाते रहे हैं. लेकिन हर बाद मामला आगे खिसक जाता है. प्रदेश के मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 35 सदस्य हो सकते हैं. इस तरह कैबिनेट में 29 और लोगों को लिया जा सकता है. लेकिन लगता नहीं है कि सभी पद भरे जाएंगे.