यूरिया संकट को लेकर सड़क पर उतरे शिवराज सिंह चौहान
By राजेंद्र पाराशर | Published: December 7, 2019 05:04 AM2019-12-07T05:04:14+5:302019-12-07T05:04:14+5:30
शिवराज ने कहा की हमारी सरकार में 3 महीने पहले यूरिया दे दिया जाता था, कभी संकट नहीं आने दिया. इन्हें लूट, भ्रष्टाचार, ट्रांसफर से फुर्सत मिले तो किसानों की समस्याओं को समझेंगे.
ध्यप्रदेश में यूरिया संकट को लेकर सियासत थम नहीं रही है. बयानों के द्वारा कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को घेरने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस संकट को लेकर सड़क पर उतर आए हैं. आज वे सड़क मार्ग से भोपाल से सागर पहुंचे. इस दौरान कई स्थानों पर किसानों के बीच पहुंचकर यूरिया संकट को लेकर उनकी समस्याएं सुनी.
प्रदेश में यूरिया के संकट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सड़कों पर उतर आए हैं. भोपाल से सागर जाते वक्त वे रायसेन रुके और किसानों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ हम आ रहे हैं, बनाओ कितनों पर केस बनाओगे. जब यूरिया को लेकर किसान रात भर जाग रहा है, तो हम भी आपको चैन से नहीं सोने देंगे. चौहान ने कहा कि सरकार असंवेदनशील हो गई है. सरकार ने किसानों के पीठ में छुरा घोंपा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार को भ्रष्टाचार से फुर्सत मिले तब तो वह किसानों की चिंता करेगी. चौहान ने यूरिया संकट के विरोध में गिरफ्तारी देने की भी बात कही है.
शिवराज ने कहा की हमारी सरकार में 3 महीने पहले यूरिया दे दिया जाता था, कभी संकट नहीं आने दिया. इन्हें लूट, भ्रष्टाचार, ट्रांसफर से फुर्सत मिले तो किसानों की समस्याओं को समझेंगे. हालात यह है कि वृद्ध महिलाओं को भी लाइन में लगना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि किसानों की समस्या को लेकर निकला हूं और आखिरी सांस तक लडूंगा.
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में यूरिया संकट को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र लिखकर पीएम से 2.40 मैट्रिक टन का यूरिया की मांग की है. बता दें कि प्रदेश में यूरिया संकट से किसानों को खासे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. घंटो लाइन में लगने के बाद भी किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रहा है.