शिवपाल सिंह यादव ने कहा-कांग्रेस हमसे संपर्क करेगी तो हम गठबंधन को तैयार
By स्वाति सिंह | Published: January 13, 2019 05:58 PM2019-01-13T17:58:36+5:302019-01-13T17:58:36+5:30
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने शनिवार को इस आरोप को 'झूठा एवं निराधार' बताया कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव को आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है ।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने रविवार को कहा वह कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार हैं।उन्होंने कहा अभी हमारी कांग्रेस के साथ इसपर कोई बात नहीं हुई है लेकिन जितनी भी सेकुलर पार्टी है कांग्रेस भी उन्हीं में से है।ऐसे अगर कांग्रेस हमसे संपर्क करेगी, बात करेगी तो मैं बिलकुल तैयार हूं।'
उल्लेखनीय है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को साझा प्रेस कांफ्रेंस कर अखिलेश के चाचा शिवपाल की पार्टी का मजाक उडाते हुये कहा कि 'भाजपा का पैसा बेकार हो जायेगा क्योंकि वह ही शिवपाल की पार्टी चला रही है ।'
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने शनिवार को इस आरोप को 'झूठा एवं निराधार' बताया कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव को आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है । प्रसपा के मुख्य प्रवक्ता सी पी राय ने एक बयान जारी कर कहा, ':बसपा सुप्रीमो: मायावती द्वारा यह आरोप लगाया गया कि भाजपा द्वारा शिवपाल यादव को आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है, यह आरोप झूठा एवं निराधार है ।'
Pragatisheel Samajwadi Party (Lohia) chief Shivpal Yadav on alliance with Congress: Abhi humari baat toh nahi hui hai lekin jitne bhi secular party hain, Congress bhi hai, agar Congress humse sampark karegi, humse baat karegi, toh main bilkul taiyaar hu. pic.twitter.com/2KYspmiCMC
— ANI UP (@ANINewsUP) January 13, 2019
उन्होंने कहा, 'यह सभी को पता है कि कौन लोग आर्थिक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और कौन सी पार्टी में टिकट बेचे जाते हैं ।' राय ने कहा कि प्रसपा पर भाजपा से मिले होने का आरोप लगाया गया है, यह आरोप पूर्णतया तथ्यहीन व बेबुनियाद है । आम जनमानस और मीडिया को यह पता है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ मिलकर बार-बार किसने सरकार बनाई है ।
उन्होंने कहा कि अखिलेश का जब जन्म भी नहीं हुआ था, उसके पहले से ही उत्तर प्रदेश में शिवपाल भाजपा और साम्प्रदायिक शक्तियों के खिलाफ सबसे मुखर रहे हैं।
राय ने कहा कि अखिलेश को यह समझना चाहिए कि इसके पूर्व भी मायावती पिछड़ों, दलितों और मुसलमानों का वोट लेकर भाजपा की गोद में बैठ चुकी हैं । ऐसे में कहीं ऐसा न हो कि इतिहास फिर से स्वयं को दोहराए और मायावती चुनाव के बाद भाजपा से जा मिलें ।