'बीजेपी हिन्दूत्व का बना रही है तमाशा', शिवसेना ने राम मंदिर और सबरीमाला पर दिया ये बयान
By पल्लवी कुमारी | Published: January 5, 2019 09:43 AM2019-01-05T09:43:37+5:302019-01-05T09:43:37+5:30
शिवसेना के संपादकीय में कहा गया, “सिखों के नरसंहार (1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद) के लिए जिस तरह से कांग्रेस को माफी मांगनी पड़ी उसी प्रकार हमें भी उन लोगों की भावनाओं को समझना होगा जो हिंदुओं के नरसंहार के लिए (भाजपा से) माफी की मांग करते हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए केंद्र एवं महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी शिवसेना ने कहा बीजेपी हिन्दूत्व का तमाशा बना रही है। राम मंदिर के नाम पर बीजेपी सबसे ज्यादा धोखा दे रही है। शिवसेना ने कहा, इस बात पर ताज्जुब है कि अगर बीजेपी के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं होगा तो कब होगा।
पार्टी ने कहा कि अगर राम मंदिर का निर्माण 2019 चुनावों से पहले नहीं हुआ तो यह देश के लोगों को धोखा देने जैसा होगा जिसके लिए भाजपा एवं आरएसएस को उनसे माफी मांगनी होगी।
शिवसेना ने कहा, मोदी सरकार ने गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की भव्य प्रतिमा बनाई है लेकिन राम मंदिर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सरदार’ वाला साहस नहीं दिखाया। साथ ही कहा कि यह इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा।
सबरीमाला मंदिर पर भी शिवसेना ने कहा, बीजेपी इसपर भी राजनीति कर रही है।
पीएम मोदी के इंटरव्यू पर टिप्पणी
केंद्र एवं महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी शिवसेना ने हालिया साक्षात्कार में मोदी की टिप्पणी के लिए उनपर हमला बोला है। मोदी ने कहा था कि मंदिर निर्माण पर सरकार कोई भी कदम न्यायिक प्रक्रिया खत्म होने के बाद ही उठाएगी। इस साक्षात्कार को कई टीवी चैनलों ने प्रसारित किया था।
शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा, “वह (मोदी) राम के नाम पर सत्ता में आए थे हालांकि उनके मुताबिक भगवान राम कानून से बड़े नहीं हैं। अब सवाल यह है कि अगर बहुमत वाली सरकार में मंदिर का निर्माण नहीं होगा तो कब बनेगा।’’
संपादकीय में कहा गया है, इसमें बताया गया कि राम मंदिर के लिए आंदोलन 1991-92 में शुरू हुआ था और सैकड़ों ‘कारसेवकों’ ने अपनी जान गंवाई थी।
इसमें पूछा गया, “किसने यह नरसंहार किया और क्यों? एक ओर सैकड़ो हिंदू कारसेवक मारे गए साथ ही मुंबई बम धमाकों में दोनों पक्ष (हिंदू एवं मुस्लिम समुदाय) के सैकड़ों लोग मारे गए। अगर फैसला उच्चतम न्यायालय को ही करना था तो यह नरसंहार एवं खूनखराबा क्यों?”
उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने आगे पूछा कि क्या भाजपा एवं आरएसएस इन हत्याओं एवं खूनखराबे की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है।
संपादकीय में कहा गया, “सिखों के नरसंहार (1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद) के लिए जिस तरह से कांग्रेस को माफी मांगनी पड़ी उसी प्रकार हमें भी उन लोगों की भावनाओं को समझना होगा जो हिंदुओं के नरसंहार के लिए (भाजपा से) माफी की मांग करते हैं।”
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट)