शिवसेना नेता अनंत गीते बोले-शरद पवार शिवसैनिकों के गुरु नहीं हो सकते, संजय राउत ने कहा- एनसीपी प्रमुख महाविकास अघाड़ी सरकार के पिलर
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 21, 2021 05:36 PM2021-09-21T17:36:36+5:302021-09-21T18:19:17+5:30
शिवसेना नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत गीते ने कहा कि एनसीपी का गठन कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपकर किया गया था।
मुंबईः शिवसेना नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत गीते ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर हमला बोला। अनंत गीते के बयान ने महाविकास अघाड़ी में फिर से मतभेद पैदा कर दिया है। शरद पवार शिवसैनिकों के गुरु नहीं हो सकते।
अनंत गीते ने कहा कि एनसीपी का गठन कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपकर किया गया था। जब 2 कांग्रेस पार्टियां एक ही पार्टी नहीं बन सकतीं, तो शिवसेना कांग्रेस कैसे बन सकती है? भले ही केंद्र और राज्य में एमवीए सरकार आती है, हम अघाड़ी सैनिक नहीं हो सकते। हम शिव सैनिक रहेंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिवसेना नेता अनंत गीते ने कहा है कि अपनी पार्टी बनाने के लिए कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार शिवसैनिकों के लिए ‘गुरु’ नहीं हो सकते। उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार सिर्फ एक ‘‘समझौता’’ है।
I don't know what Anant Geete has said, I would only say that Sharad Pawar is a big leader, he is the main pillar of govt in Maharashtra. It may be someone's personal opinion but it is not the statement of party: Shiv Sena MP Sanjay Raut pic.twitter.com/OP2NBP4pLk
— ANI (@ANI) September 21, 2021
नयी दिल्ली में, शिवसेना के प्रवक्ता और पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि पवार देश के नेता हैं। उन्होंने कहा कि एमवीए सरकार और शिवसेना, कांग्रेस तथा राकांपा की व्यवस्था पांच साल तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा, ''मुझे इसकी (गीते की टिप्पणी की) जानकारी नहीं है। महाराष्ट्र में तीन दलों की एक व्यवस्था है। शरद पवार देश के नेता हैं।''
राउत ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, '''चाहे वह शरद पवार हों, उद्धव ठाकरे हों या कांग्रेस... सभी ने (एमवीए) सरकार बनाई है। यह व्यवस्था पांच साल तक चलेगी और इसे पूरे महाराष्ट्र ने स्वीकार किया है।'' उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे शिवसेना के लिए फैसले लेते हैं। राउत ने कहा, ''इस समय हम सब एक साथ हैं।'' पवार को एमवीए सरकार का वास्तुकार और धुरी माना जाता है, जो 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद शिवसेना और भाजपा के बीच संबंधों में खटास के बाद सत्ता में आयी। शिवसेना और भाजपा ने 2014 से 2019 तक सत्ता साझा की थी।
अपने गृह क्षेत्र रायगढ़ में सोमवार को एक जनसभा में गीते ने कहा, ‘‘शरद पवार कभी हमारे नेता नहीं हो सकते क्योंकि यह सरकार (एमवीए) केवल एक समझौता है। लोग पवार के लिए जितनी वाहवाही करें, लेकिन हमारे ‘गुरु’ केवल (दिवंगत) बालासाहेब ठाकरे हैं।’’ गीते ने कहा, ‘‘जब तक यह सरकार काम कर रही है, तब तक चलती रहेगी... अगर हम अलग हो गए तो हमारा घर शिवसेना है और हम हमेशा अपनी पार्टी के साथ रहेंगे।’’ रायगढ़ के पूर्व सांसद गीते ने कहा कि शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार के प्रति उनकी कोई ‘बुरी मंशा’ नहीं है और वह चाहते हैं कि सरकार चले।
शिवसेना नेता ने कहा, ‘‘पवार ने कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपकर अपनी पार्टी बनाई थी। यदि कांग्रेस और राकांपा एक नहीं हो सकते हैं तो शिवसेना भी पूरी तरह से कांग्रेस की नीति पर नहीं चल सकती। कांग्रेस और राकांपा के रिश्ते हमेशा से सौहार्दपूर्ण नहीं थे।’’
राकांपा का गठन 25 मई, 1999 को शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने किया था, जब उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) से, इटली में जन्मी सोनिया गांधी के पार्टी के नेतृत्व करने के अधिकार पर विवाद के कारण निष्कासित कर दिया गया था। राकांपा बाद में केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकारों का हिस्सा बनी, जिसमें पवार ने कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया। महाराष्ट्र में भी कांग्रेस और राकांपा ने 2014 तक सत्ता साझा की।
गीते ने 2014 के चुनावों के बाद केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री के रूप में कार्य किया था जब शिवसेना राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा थी। गीते 2019 के लोकसभा चुनावों में अपने राकांपा प्रतिद्वंद्वी सुनील तटकरे से मामूली अंतर से हार गए। तटकरे की बेटी अदिति वर्तमान में एमवीए सरकार में राज्य मंत्री हैं।
(इनपुट एजेंसी)