महाराष्ट्रः राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची शिवसेना, सरकार गठन पर अभी भी सस्पेंस बरकरार
By रामदीप मिश्रा | Published: November 12, 2019 03:51 PM2019-11-12T15:51:49+5:302019-11-12T15:51:49+5:30
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर हुए चुनावों में 105 सीटें जीतते हुए बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। राज्य के चुनाव में शिवसेना को 56 सीटें मिलीं।
महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर खींचतान के बीच अब लड़ाई शिवसेना बनाम राज्यपाल हो गई है। शिवसेना ने मंगलवार (12 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उसने शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की है, जिसमें आरोप लगाया है सरकार गठन को लेकर राज्यपाल ने उसे और अधिक समय नहीं दिया है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के उस फैसले को चुनौती दी जिसमें उन्होंने शिवसेना को सरकार बनाने के लिए बहुमत सिद्ध साबित करने के लिए तय समय से अधिक समय नहीं दिया। यह याचिका शिवसेना की ओर से वकील सुनील फर्नांडीज ने दायर की है।
इधर कहा जा रहा है कि अगर महाराष्ट्र के राज्यपाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाते हैं, तो शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट इसके भी खिलाफ जा सकते हैं। उद्धव ठाकरे ने कपिल सिब्बल और अहमद पटेल से बातचीत की है। दरअसल, राज्यपाल ने एनसीपी को सरकार बनाने के लिए आज साढ़े आठ बजे तक का समय दिया है।
Shiv Sena files petition in Supreme Court challenging Maharashtra Governor's decision to not extend the time given to the party to prove their ability to form government. Advocate Sunil Fernandez has filed the plea for Shiv Sena. pic.twitter.com/vVbZqCdtH5
— ANI (@ANI) November 12, 2019
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल के मुताबिक आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शरद पवार से बात की है और उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल और खुद वेणुगोपाल को शरद पवार से आगे की बातचीत के लिए मुंबई जाने को कहा है। ये तीनों नेता आज पवार से मिलेंगे।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर हुए चुनावों में 105 सीटें जीतते हुए बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। राज्य के चुनाव में शिवसेना को 56 सीटें मिलीं। इसके अलावा राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं। प्रदेश की 288 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिये 145 विधायकों का समर्थन जरूरी है।
मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच खींचतान खत्म हो चुकी है। दोनों पार्टियों ने गठबंधन कर एकसाथ चुनाव लड़ा और एनडीए को बहुमत भी प्राप्त हुआ, लेकिन शिवसेना मुख्यमंत्री पद के लिए 50:50 का फार्मूला चाहती थी, लेकिन बीजेपी इस पर तैयार नहीं हुई।