'तीन साल शादी अच्छी चली...साथ रोटी तोड़ी, फिर अचानक क्या हुआ', शिवसेना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूछे बड़े सवाल, राज्यपाल पर भी तीखी टिप्पणी

By विनीत कुमार | Published: March 15, 2023 07:44 PM2023-03-15T19:44:40+5:302023-03-15T19:56:49+5:30

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना में बगावत मामले पर सुनवाई करते हुए राज्यपाल को लेकर अहम टिप्पणी की। साथ ही चीफ जस्टिस ने पूछा कि तीन साल सबकुछ ठीक रहने के बाद अचानक क्या हुआ?

Shiv Sena case supreme court aska what happened after 3 years of Sena-NCP-Cong's happy marriage, strong remark on governer | 'तीन साल शादी अच्छी चली...साथ रोटी तोड़ी, फिर अचानक क्या हुआ', शिवसेना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूछे बड़े सवाल, राज्यपाल पर भी तीखी टिप्पणी

शिवसेना मामले पर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी (फाइल फोटो)

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने पूछा- शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की खुशहाल शादी तीन साल तक चली, फिर अचानक क्या हुआगवर्नर इस तथ्य से बेखबर नहीं हो सकते हैं कि गठबंधन में केवल एक पार्टी में असंतोष हुआ है: सुप्रीम कोर्टक्या किसी एक पार्टी में नीतिगत आधार पर मतभेद के आधार पर विश्वास मत साबित करने के लिए बुलाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: शिवसेना में बगावत प्रकरण से जु़ड़े मामलों पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राज्यपाल को लेकर अहम टिप्पणी की। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि एक राज्यपाल को सावधानी से अपनी शक्तियों का प्रयोग करना चाहिए और इस बात से अवगत होना चाहिए कि विश्वास मत साबित करने के लिए बुलाने से सरकार गिर सकती है। 

कोर्ट ने कहा कि केवल सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर मतभेदों के आधार पर विश्वास मत के लिए बुलावा एक चुनी हुई सरकार को गिरा सकता है। बता दें कि शिवसेना में बगावत के प्रकरण के दौरान भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल थे।

'तीन साल साथ रोटियां तोड़ी...फिर अचानक क्या हुआ?'

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शिंदे गुट से पूछा कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की खुशहाल शादी जो तीन साल तक चली, उसमें रातों-रात अचानक क्या हुआ। 'लाइव लॉ' के अनुसार चीफ जस्टिस ने कहा, 'उन्होंने तीन साल तक रोटी तोड़ी। उन्होंने तीन साल तक कांग्रेस और एनसीपी के साथ रोटी तोड़ी। तीन साल की खुशहाल शादी के बाद रातों-रात क्या हो गया?'

इस सवाल पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा वह इस पर टिप्पणी करने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि यह एक राजनीतिक बहस है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि फिर राज्यपाल को खुद से यह सवाल पूछना चाहिए कि वे (तीनों पार्टियां) तीन साल तक क्या कर रही थीं।

चीफ जस्टिस ने कहा, 'तीन साल आप साथ-साथ रहते हैं और अचानक एक दिन 34 लोगों का एक समूह कहता है कि असंतोष है।'

सीजेआई ने आगे कहा, 'गवर्नर इस तथ्य से बेखबर नहीं हो सकते हैं कि तीन-पार्टियों के गठबंधन में केवल एक पार्टी में असंतोष हुआ है। अन्य दो गठबंधन के साथ हैं।'

उन्होंने कहा, 'मान लीजिए कि किसी भी पहलू पर किसी पार्टी में कोई नीतिगत अंतर है। क्या राज्यपाल केवल उस आधार पर कह सकते हैं कि आपको अपना विश्वास मत साबित करना चाहिए? राज्यपाल को इस तथ्य के प्रति समान रूप से सचेत होना चाहिए कि विश्वास मत के लिए उनका आह्वान स्वयं एक परिस्थिति पैदा सकता है जो एक सरकार को गिराने का कारण बने?'

चुनाव आयोग दे चुका है एकनाथ शिंदे गुट के पक्ष में फैसला

गौरतलब है कि चुनाव आयोग पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को शिवसेना का नाम और धनुष और तीर का चिन्ह आवंटित कर चुका है। शिंदे गुट ने ही उद्धव ठाकरे के गुट से बगावत की थी। इस बगावत की वजह से महाविकास अघाड़ी सरकार पिछले साल महाराष्ट्र में गिर गई थी। दरअसल, तब राज्यपाल रहे कोश्यारी ने उद्धव सरकार को विश्वास मत साबित करने को कहा था। हालांकि उद्धव ठाकरे ने इससे पहले ही इस्तीफा दे दिया। पिता बालासाहेब ठाकरे की बनाई पार्टी पर हक खो चुके उद्धव ठाकरे और उनका गुट सुप्रीम कोर्ट में अब लड़ाई जारी रखे हुए है। 

Web Title: Shiv Sena case supreme court aska what happened after 3 years of Sena-NCP-Cong's happy marriage, strong remark on governer

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे