नितिन गडकरी ने कहा- अगर महाराष्ट्र में बनी कांग्रेस-शिवसेना और एनसीपी की सरकार, तो ज्यादा समय तक नहीं चलेगी
By रामदीप मिश्रा | Published: November 22, 2019 03:07 PM2019-11-22T15:07:43+5:302019-11-22T15:07:43+5:30
महाराष्ट्रः केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के बीच वैचारिक मतभेद हैं। अगर सरकार बनती है तो बहुत आगे तक नहीं जा सकती है।
महाराष्ट्र में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस की सरकार बनने को लेकर तस्वीर साफ हो गई है। शुक्रवार शाम तक तीनों पार्टियां संयुक्त रूप से इसकी घोषणा कर सकती हैं। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इन तीनों पार्टियों के बीच होने जा रहे गठबंधन पर निशाना साधा है और कहा है कि यह सरकार ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के बीच वैचारिक मतभेद हैं। अगर सरकार बनती है तो बहुत आगे तक नहीं जा सकती है। इस सरकार को लेकर उनका इशारा साफ है कि तीनों पार्टियों के गठबंधन की सरकार ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है।
इससे पहले शुक्रवार को एनसीपी ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधा और कहा कि पार्टी प्रमुख शरद पवार ने 'भारतीय राजनीति के तथाकथित चाणक्य' को अंतत: मात दे दी। एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि दिल्ली का तख्त महाराष्ट्र को अपने आगे नहीं झुका पाया।
Union Minister Nitin Gadkari on Maharashtra govt formation: There are ideological differences among Congress, Shiv Sena and NCP. The govt will not go much ahead even if it is formed. pic.twitter.com/0itwpFzoC3
— ANI (@ANI) November 22, 2019
गौरतलब है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के 24 अक्टूबर को घोषित चुनाव नतीजों में कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत के लिए जरूरी 145 सीटें हासिल नहीं कर पाई। बीजेपी को 105 सीटों पर जीत मिली, जबकि शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं।
गठबंधन कर चुनाव लड़ी बीजेपी और शिवसेना को बहुमत तो मिला लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान के चलते वे मिलकर सरकार नहीं बना पाईं। बीजेपी और शिवसेना के अलग-अलग रास्ते अख्तियार करने के बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के पास पहुंची। हालांकि, कई दौर की बातचीत के बाद भी अभी तक तीनों पार्टियों के बीच सरकार गठन को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।