कांग्रेस नेता ने कहा- कभी-कभी शीला दीक्षित अकड़ू अधिकारियों से काम निकलवाने के लिए उन्हें नाश्ते पर बुलाती थीं
By भाषा | Published: July 22, 2019 03:55 AM2019-07-22T03:55:39+5:302019-07-22T03:55:39+5:30
यूसुफ 2001 से 2013 तक दीक्षित के मंत्रिमंडल में शामिल थे। उन्होंने नागरिक एवं खाद्य आपूर्ति और परिवहन जैसे विभाग संभाले थे। एक दिन वह एक ऐसे अधिकारी के संबंध में शीला से बातचीत करने गए, जो काम नहीं करने के लिए जाने जाते थे।
कांग्रेस नेता हारून यूसुफ दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को एक ऐसी नेता के रूप में याद करते हैं, जिन्हें नाश्ते के वक्त लोगों को आमंत्रित करना बेहद पसंद था। दीक्षित ने एक सख्त अधिकारी से निपटने के लिए यूसुफ को भी ऐसा ही करने का सुझाव दिया था।
यूसुफ 2001 से 2013 तक दीक्षित के मंत्रिमंडल में शामिल थे। उन्होंने नागरिक एवं खाद्य आपूर्ति और परिवहन जैसे विभाग संभाले थे। एक दिन वह एक ऐसे अधिकारी के संबंध में शीला से बातचीत करने गए, जो काम नहीं करने के लिए जाने जाते थे।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं दूसरा अधिकारी देने की मांग ले कर दीक्षित के पास गया। उन्होंने कहा कि कुछ नहीं किया जा सकता क्योंकि वह पहले ही उप राज्यपाल से इस बारे में बात कर चुकीं हैं और उन्होंने उनके अनुरोध को खारिज कर दिया है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित अधिकारी से काम कराने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। यूसुफ ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे अगले दिन अधिकारी को नाश्ते पर बुलाने को कहा।’’
उन्होंने बताया कि यह युक्ति काम कर गई और उन्होंने अधिकारी के साथ मिल कर कई परियोजनाओं पर काम किया। यूसुफ के मुताबिक दीक्षित अपने कैबिनेट सहकर्मियों सहित लोगों को नाश्ते पर बुलाती थी और उन्हें खुद से नाश्ता परोसने में आनंद आता था।