शत्रुघ्न सिन्हा थाम सकते हैं 'हांथ' या ले सकते हैं 'लालटेन' का सहारा, BJP के संभावित उम्मीदवार को लेकर अटकलों का दौर
By एस पी सिन्हा | Published: March 14, 2019 06:57 PM2019-03-14T18:57:12+5:302019-03-14T18:57:12+5:30
पटना साहिब भाजपा का परंपरागत गढ़ है. यहां किसी भी नेता को भाजपा से टिकट मिल जाए तो उसकी आधी जीत पक्की मानी जाती है. सियासी और जातिगत समीकरण भी भाजपा के पक्ष में ही हमेशा रहे हैं.
शत्रुघ्न सिन्हा पटना साहिब लोकसभा सीट से राजद अथवा कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं. अर्थात पटना साहिब महागठबंधन में चाहे जिसके कोटे में जाये बिहारी बाबू उसके उम्मीदवार होंगे. ऐसी सरगर्मी बढ़ गई है. लेकिन सभी की निगाहें उनके हांथ (कांग्रेस का चुनाव चिन्ह) थामने या हांथ में लालटेन(राजद का चुनाव चिन्ह) पकड़ने पर ही तय होगा.
वहीं, भाजपा में भी कई प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा और कयास के भी जारी है. पटना साहिब सीट से भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का पत्ता कटने के बाद इस सीट के दावेदारों में दो प्रमुख नाम चर्चा में हैं. इनमें भाजपा के राज्यसभा सांसद रविशंकर प्रसाद और पार्टी के कद्दावर नेता आरके सिन्हा के के पुत्र ऋतुराज सिन्हा शामिल हैं.
बता दें कि पटना साहिब भाजपा का परंपरागत गढ़ है. यहां किसी भी नेता को भाजपा से टिकट मिल जाए तो उसकी आधी जीत पक्की मानी जाती है. सियासी और जातिगत समीकरण भी भाजपा के पक्ष में ही हमेशा रहे हैं. रविशंकर प्रसाद केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्य हैं और वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह दोनों के ही करीबी माने जाते हैं. साथ हीं वह पटना साहिब में सबसे अधिक आबादी कायस्थ जाति (इसी जाति से शत्रुघ्न सिन्हा हैं) का प्रतिनिधित्व भी करते हैं. ऐसे में भाजपा उनके नाम पर दांव खेल सकती है.
हालांकि ऋतुराज सिन्हा की भी दमदार दावेदारी है. एक तो वह भाजपा के कद्दावर नेता आरके सिन्हा के पुत्र हैं. दूसरे वह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ कोर टीम में भी हैं. भाजपा अध्यक्ष ने उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी सौंपी है. ऋतुराज सिन्हा को अमित शाह ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार-प्रसार के लिए वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति में ऋतुराज सिन्हा को भी शामिल किया है.
इस महत्वपूर्ण समिति में रेल मंत्री पीयूष गोयल, मंत्री डॉ. महेश शर्मा, राज्यवर्धन राठौर, अनिल जैन, सतीश उपाध्याय, राजीव चंद्रशेखर को भी शामिल किया गया है. ऋतुराज सिन्हा भाजपा की इस राष्ट्रीय समिति में शामिल बिहार से अकेले सदस्य हैं. जाहिर है उन्हें भाजपा ने युवा चेहरे के तौर पर आगे लाने के मन बनाया है. उनके पिता आरके सिन्हा पटना संसदीय क्षेत्र में काफी सक्रिय भी हैं और कायस्थ जाति का प्रतिनिधित्व भी करते हैं. ऐसे में भाजपा अगर उन्हें टिकट देती है तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है.
हालांकि, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को लेकर भी चर्चा का बाजार गर्म है. लेकिन पार्टी सूत्रों की मानें तो वह बिहार की राजनीति में अधिक दिलचस्पी रख रहे हैं. दूसरा यह कि वे कायस्थ जाति से भी नहीं आते हैं. ऐसे में पार्टी उनके नाम पर इतना बडा रिस्क लेगी, ऐसा नहीं लग रहा.