UPA और NDA में खाद्य पदार्थों के मूल्य अंतर को लेकर शशि थरूर ने शेयर किया चार्ट, केंद्र पर साधा निशाना
By मनाली रस्तोगी | Published: May 20, 2022 11:06 AM2022-05-20T11:06:46+5:302022-05-20T11:08:05+5:30
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने यूपीए और एनडीए के तहत रसोई के स्टेपल की कीमतों में अंतर साझा कर देश में बढ़ती महंगाई को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
नई दिल्ली:कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार को केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर निशाना साधते हुए नजर आए। इस दौरान थरूर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के तहत रसोई के स्टेपल की कीमतों में अंतर साझा कर देश में बढ़ती महंगाई को लेकर केंद्र सरकार हमलावर हुए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने ट्विटर पर मई 2014 और मई 2022 के बीच कच्चे खाद्य पदार्थों की कीमतों में अंतर दिखाते हुए एक चार्ट साझा किया। ऐसे में ट्वीट करते हुए शशि थरूर ने लिखा, "यूपीए युग और एनडीए के बीच एक और अंतर: आप इसे रोजाना महसूस करते हैं! #इन्फ्लेशन" 66 वर्षीय नेता द्वारा साझा किए गए चार्ट के अनुसार, आठ वर्षों में चावल और गेहूं की कीमतों में 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि गेहूं के आटे की कीमतों में 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
One more difference between the UPA era & the NDA: you feel it daily! #Inflationpic.twitter.com/6SIglAwEYc
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) May 20, 2022
चार्ट में दिखाया गया है कि चना, अरहर, उड़द, मूंग और मसूर दालों की कीमतों में 17 से 59 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इसके अलावा मूंगफली के तेल में 51 प्रतिशत और सरसों के तेल में 92 प्रतिशत की वृद्धि हुई। चार्ट में दिखाए गए डेटा के अनुसार, अन्य तेलों, जैसे वनस्पति और ताड़ के तेल में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई है। इसमें कहा गया है कि वनस्पति तेल में 118 प्रतिशत और पाम तेल में 109 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
आंकड़ों के मुताबिक सोया और सूरजमुखी के तेल में क्रमश: 97 फीसदी और 95 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। नमक की कीमत में जहां 31 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, वहीं दूध की दर में आठ वर्षों में 43 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। देश में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में 15.08 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई, विशेष रूप से खाद्य, ईंधन और अन्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के कारण। 15.08 प्रतिशत पर थोक मूल्य सूचकांक (WPI) नई श्रृंखला में सबसे अधिक है। WPI मुद्रास्फीति पिछले साल अप्रैल से लगातार 13वें महीने दोहरे अंकों में बनी हुई है।