दिल्ली पुलिस ने कहा- शरजील इमाम ने सीएए, एनआरसी पर सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए, जिससे सांप्रदायिक तनाव भड़का

By भाषा | Published: June 6, 2020 05:35 AM2020-06-06T05:35:55+5:302020-06-06T05:35:55+5:30

दिल्ली पुलिस: जांच अधिकारियों ने दलील दी है कि इमाम किसी भी प्रकार का राहत पाने का हकदार नहीं है क्योंकि सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर उसने सरकार के खिलाफ लगातार भड़काऊ भाषण दिया।

Sharjeel Imam gave inflammatory, instigating speeches against govt on CAA and NRC says Delhi Police to HC | दिल्ली पुलिस ने कहा- शरजील इमाम ने सीएए, एनआरसी पर सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए, जिससे सांप्रदायिक तनाव भड़का

दिल्ली पुलिस ने कहा कि शरजील इमाम ने भड़काऊ भाषण दिए। (फाइल फोटो)

Highlightsशरजील इमाम ने पुलिस को जांच के लिए और समय देने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है।पुलिस ने अदालत को बताया कि शरजील इमाम ने सीएए और एनआरसी के विरोध के नाम पर सांप्रदायिक किस्म के भाषण दिए जिससे सांप्रदायिक तनाव भड़का।

नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में दलील दी कि सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू का पूर्व छात्र शरजील इमाम किसी राहत का हकदार नहीं है क्योंकि उसने लगातार सरकार के खिलाफ भड़काने वाले भाषण दिए। पुलिस ने अदालत को बताया कि शरजील इमाम ने सीएए और एनआरसी के विरोध के नाम पर सांप्रदायिक किस्म के भाषण दिए जिससे सांप्रदायिक तनाव भड़का और विभिन्न समूहों के बीच रंजिश बढ़ी। 

पुलिस ने इस संबंध में एक हलफनामा दाखिल किया है और इमाम की याचिका का विरोध किया। इमाम ने पुलिस को जांच के लिए और समय देने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है। हलफनामे में कहा गया है कि कानून के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं हुआ है और जांच के लिए समय बढ़ाने के संबंध में वाजिब कारण हैं। 

जांच अधिकारियों ने दलील दी है कि इमाम किसी भी प्रकार का राहत पाने का हकदार नहीं है क्योंकि सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर उसने सरकार के खिलाफ लगातार भड़काऊ भाषण दिया। निचली अदालत के 25 अप्रैल के आदेश को चुनौती देने वाली इमाम की याचिका के जवाब में पुलिस ने वकील अमित महाजन और रजत नायर के जरिए अपना हलफनामा दाखिल किया है। 

निचली अदालत ने दिल्ली पुलिस को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत मामले में जांच पूरी करने के लिए वैधानिक 90 दिन से ज्यादा तीन और महीने का वक्त दिया था। याचिका पर अगली सुनवाई 10 जून को होगी। पिछले साल दिसंबर में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पास सीएए के विरोध में हिंसक प्रदर्शन से जुड़े मामले में इमाम को 28 जनवरी को बिहार के जहानाबाद जिले से गिरफ्तार किया गया था। 

गिरफ्तारी से 90 दिन की वैधानिक अवधि 27 अप्रैल को खत्म हो गयी । इमाम ने अनुरोध किया कि जांच 90 दिन की वैधानिक अवधि में पूरी नहीं हुई इसलिए उसे स्वत: ही जमानत दी जानी चाहिए और इसके अलावा पुलिस ने जब जांच के लिए और समय देने की मांग को लेकर अर्जी दाखिल की तो उसे कानून के तहत नोटिस नहीं दिया गया। लेकिन निचली अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 

Web Title: Sharjeel Imam gave inflammatory, instigating speeches against govt on CAA and NRC says Delhi Police to HC

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