भारत-चीन के बीच क्या कम होगा तनाव? 7वें दौर की सैन्य कमांडर स्तर वार्ता कुछ ही देर में
By गुणातीत ओझा | Published: October 12, 2020 10:17 AM2020-10-12T10:17:29+5:302020-10-12T10:17:29+5:30
भारत आज चीन के साथ दोपहर 12 बजे उच्च-स्तरीय सैन्य वार्ता करेगा। वार्ता के सातवें दौर में भारत पूर्वी लद्दाख में टकराव के बिंदुओं से चीन द्वारा सैनिकों की पूरी तरह से जल्द वापसी पर जोर देगा।
नई दिल्ली। भारत आज सोमवार को चीन के साथ उच्च-स्तरीय सैन्य वार्ता करेगा। सातवें दौर की इस वार्ता में भारत पूर्वी लद्दाख में टकराव के बिंदुओं से चीन द्वारा सैनिकों की जल्द वापसी पर जोर देगा। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत की ओर से चुशूल में दोपहर 12 बजे वार्ता शुरू होगी। भारत का पूरा जोर रहेगा कि पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी बिंदुओं से सैनिकों की वापसी के लिए एक रूपरेखा तैयार की जाए। चीन अध्ययन समूह (सीएसजी) के शीर्ष मंत्रियों और सैन्य अधिकारियों ने पूर्वी लद्दाख में शुक्रवार को हालात की समीक्षा की थी। आज सोमवार को होने वाली वार्ता में उठाये जाने वाले प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया था। सीएसजी में विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के अलावा तीनों सेना प्रमुख शामिल हैं।
वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारतीय सेना की लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह करेंगे और इसमें लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन और विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) नवीन श्रीवास्तव और अन्य शामिल होंगे। दोनों पक्षों ने 21 सितंबर को सैन्य वार्ता के पिछले दौर के बाद कुछ फैसलों की घोषणा की थी जिनमें अग्रिम मोर्चे पर और अधिक सैनिकों को नहीं भेजना, एकपक्षीय तरीके से जमीनी हालात को बदलने से बचना और चीजों को और जटिल बनाने वाली कार्रवाइयों से बचना शामिल है।
अमेरिका का एंग्री मूड
पूर्वी लद्दाख में पांच महीने से जारी गतिरोध के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि चीन ने भारत की उत्तरी सीमा पर 60,000 सैनिक तैनात किये हैं। साथ ही पोंपियो ने चीन के खराब बर्ताव और क्वाड समूह के देशों के लिए नजर आ रहे खतरों को लेकर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार की खिंचाई की। उन्होंने कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका (क्वाड देश) को चीन की ओर से पेश खतरों से जुड़े वास्तविक जोखिम हैं।
इधर, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने कहा है कि भारत से लगती सीमा पर ताकत के बल पर नियंत्रण करने की चीन की कोशिश उसकी विस्तारवादी आक्रामकता का हिस्सा है। यह कबूलने का वक्त आ गया है कि बातचीत से चीन अपना आक्रामक रुख नहीं बदलने वाला। इधर, चीन के रवैये को देखते हुए भारत भी अलर्ट है। भारतीय सेना एलएसी पर पूरी सतर्कता बरत रही है। भारतीय वायुसेना चीन से निबटने के लिए अपनी तैयारी में जुट गयी है।
भारत तैयार
भारतीय वायुसेना का बोइंग-सी17 ग्लोबमास्टर भी लद्दाख में तैनात है। शनिवार को ग्लोबमास्टर को लेह एयरपोर्ट पर उतारा गया। इसके अलावा, भारतीय वायुसेना के चिनूक विमान एलएसी पर उड़ान भर रहे हैं। इस बीच, लद्दाख के लेह एयरबेस से वायुसेना के मिग-29 ने भी उड़ान भरी। तनाव के बीच वायुसेना यहां लगातार अपने ऑपरेशन को अंजाम दे रही है।