कादम्बिनी पत्रिका के पूर्व सम्पादक राजीव कटारा का कोरोना से निधन
By गुणातीत ओझा | Published: November 26, 2020 04:42 PM2020-11-26T16:42:34+5:302020-11-26T16:49:56+5:30
कादम्बिनी पत्रिका के संपादक राजीव कटारा का निधन हो गया है। कोविड संक्रमण के बाद दिल्ली के बत्रा अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। दिवाली के दिन या उसके एक दिन बाद उनको कोरोना ने चपेट में ले लिया।
कादम्बिनी पत्रिका के संपादक राजीव कटारा का निधन हो गया है। कोविड संक्रमण के बाद दिल्ली के बत्रा अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। दिवाली के दिन या उसके एक दिन बाद उनको कोरोना ने चपेट में ले लिया। जिंदादिल पत्रकार का ऐसे चले जाना मीडिया जगत को खल रहा है। राजीव कटारा की फेसबुक वाल पर उनके मित्रों और शुभचिंतकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। राजीव कटारा 11 साल से कादंबिनी के संपादक थे। कोरोना काल में कादम्बिनी मैग्जीन के बंद हो जाने के बाद राजीव कटारा को इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने दूसरी पारी की शुरुआत करते हुए फेसबुक पर एक मार्मिक पोस्ट लिखा था।
आठ सितंबर को उन्होंने यह पोस्ट लिखा था। आइये आपको सुनाते हैं राजीव कटारा के उस पोस्ट की कुछ लाइनें.. पहली पारी खत्म हो गई। कादंबिनी के बंद होते ही उसे खत्म होना ही था। कभी न कभी हर चीज को खत्म होना होता है। उस पारी में जहां तक भी पहुंच पाया, उसमें बहुत सारे लोगों ने मदद की। मैं उन सबके लिए कृतज्ञ हूं। मैं कोई ‘सेल्फमेड’नहीं हूं। मुझे हर कदम पर किसी न किसीका साथ मिला है। यह मेरी खुशकिस्मती है। पहली पारी में बहुत सारे लोगों ने मदद की।
अब आपको बताते हैं राजीव कटारा के पत्रकारिता के सफरनामे के बारे में। कटारा ‘चौथी दुनिया’, ‘अमर उजाला’ समेत कई प्रतिष्ठित संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर रह चुके थे। 1983 में ‘नवभारत टाइम्स’ से ट्रेनिंग लेने के बाद ‘चौथी दुनिया’, ‘संडे ’, ‘राष्ट्रीय सहारा’, ‘माया’, ‘आजतक’, ‘दैनिक जागरण’, ‘अमर उजाला’, ‘दैनिक भास्कर’ में काम करने के बाद ‘हिन्दुस्तान’ से जुड़े। पत्रकारिता के क्षेत्र में अहम योगदान देने के लिए उन्हें 2013 के ‘गणेश शंकर विद्यार्थी’ सम्मान से सम्मानित किया गया था। यह सम्मान उन्हें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रदान किया था।