MP: अमित शाह से बातचीत के बाद BJP नेता बाबूलाल गौर के तेवर ठंडे पड़े, कहा- चाय पीने आए थे पार्टी ऑफिस
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 30, 2019 07:59 PM2019-01-30T19:59:26+5:302019-01-30T19:59:26+5:30
लंबे समय से नाराज चल रहे बाबूलाल गौर पर भाजपा संगठन अनुशासनात्मक कार्रवाई करने से भी ठर रहा है. संगठन ने मंगलवार को गौर की बहू और विधायक कृष्णा गौर को जिम्मेदारी दी थी कि वे गौर को संभाले और शांत रहने को कहें. उनके लगतार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को लेकर दिए जा रहे बयानों से संगठन की छवि पर बुरा असर पड़ रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर को बुधवार को सुबह प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत ने तलब किया और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से उनकी चर्चा कराई. इसके बाद गौर के तेवर ठंडे पड़े. जब वे भाजपा कार्यालय से बाहर निकले तो यह कहते रहे कि वे चाय पीने आए थे, इसके बाद उन्होंने मौन साध लिया.
लंबे समय से नाराज चल रहे बाबूलाल गौर पर भाजपा संगठन अनुशासनात्मक कार्रवाई करने से भी ठर रहा है. संगठन ने मंगलवार को गौर की बहू और विधायक कृष्णा गौर को जिम्मेदारी दी थी कि वे गौर को संभाले और शांत रहने को कहें. उनके लगतार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को लेकर दिए जा रहे बयानों से संगठन की छवि पर बुरा असर पड़ रहा है.
गौर को बहू कुछ कहती उसके पहले आज सुबह प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत ने उन्हें भाजपा कार्यालय बुला लिया. करीब पौन घंटे तक दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई. इसके बाद जब गौर घर जाने के लिए भगत के कमरे बाहर निकले तो मीडिया से घिर गए.
मगर आज गौर कुछ नहीं बोले, उन्होंने इतना ही का कि वे तो चाय पीने भाजपा कार्यालय आए थे, अब वापस घर जा रहे हैं. सूत्रों की माने तो गौर की भगत ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से दूरभाष पर चर्चा कराई इसके बाद दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई. इस बातचीत के बाद गौर ने मौन साध लिया.
उल्लेखनीय है कि गौर पिछले एक सप्ताह से खुलकर भाजपा के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे. वे कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए आफर मिलने की बात भी कह चुके थे. इसके अलावा कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, जीतू पटवारी, अजय सिंह सहित अन्य नेता भी गौर के संपर्क में लगातार रहे हैं. इसके चलते भाजपा संगठन चिंंतित हो गया था.
गौर पर अनुशासन की कार्रवाई करने की बात भी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने कही थी, मगर संगठन उन जैसे दिग्गज नेता पर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है. इसके चलते आज प्रदेश संगठन को गौर को भाजपा कार्यालय बुलाकर अमित शाह से सीधी चर्चा करानी पड़ी. इसके बाद फिलहाल गौर मौन हैं.
फिर कांग्रेस ने दिया गौर को आफर
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस में गौर को लेकर घमासान जारी है. दिग्विजय सिंह के आफर को ठुकराने के बाद गौर को फिर एक बार कांग्रेस से चुनाव लड़ने का आफर मिला है. इस बार मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने गौर को कांग्रेस में शामिल होने का खुला न्यौता दिया है. वर्मा ने गौर को भोपाल सीट से चुनाव लड़ने का आॅफर दिया. सज्जन ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी बाबूलाल गौर का हमेशा से सम्मान करती आई है और उनको उसी पार्टी से चुनाव लड़ना चाहिए जहां सम्मान मिलता हो.
रामलाल,अनिल जैन मनाएंगे रुठों को
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा ने रुठे नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल और अमित शाह के करीबी अनिल जैन को दी है. अनिल जैन को शाह ने मध्यप्रदेश की कमान सौंपी है. अब जैन और रामलाल दोनों मिलकर नाराज चल रहे पार्टी के नेताओं को मनाने का काम करेंगे. आज दोनों नेताओं ने भाजपा कार्यालय में बैठक भी ली. बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गी, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य नेता भी उपस्थित रहे. बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति तय की गई.