शिवसेना नेता ने की जवाहर लाल नेहरू की जमकर तारीफ, बोले- कांग्रेस ही थी जो आजादी के बाद संसद में शिष्टाचार लेकर आयी

By भाषा | Published: September 16, 2019 06:56 AM2019-09-16T06:56:41+5:302019-09-16T06:56:41+5:30

संजय राउत ने कहा ‘‘वह जवाहरलाल नेहरू थे जिन्होंने देश में विपक्षी दल के महत्व को पहचाना। जब शुरू में विपक्षी दल कमजोर था, तो वह कहते थे कि उन्हें प्रधानमंत्री की भूमिका निभाने के साथ-साथ विपक्ष के नेता की भूमिका भी निभानी होगी।’’ राउत ने कहा कि यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी नेहरू के नक्शेकदम पर चलते थे।

Sena Mouthpiece Hails Nehru, Congress for Upholding Democracy, Has a Word of Caution against Turncoats | शिवसेना नेता ने की जवाहर लाल नेहरू की जमकर तारीफ, बोले- कांग्रेस ही थी जो आजादी के बाद संसद में शिष्टाचार लेकर आयी

फाइल फोटो

शिवसेना के नेता संजय राउत ने संसदीय लोकतंत्र का सम्मान करने के लिए देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस की रविवार को सराहना करते हुए मौजूदा परिदृश्य में ‘‘विपक्षी पार्टी’’ के अस्तित्व को लेकर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष की अनुपस्थिति किसी देश की राजनीति को मनमाना और एकतरफा बना देती है।

शिवसेना के मुखपत्र ‘‘सामना’’में साप्ताहिक स्तंभ लेखन में पार्टी सांसद ने अगले महीने प्रस्तावित महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा और शिवसेना में शामिल होने के लिए कतार में खड़े अवसरवादियों पर कटाक्ष किया। उन्होंने मौजूदा परिदृश्य में ‘‘विपक्षी पार्टी’’ के अस्तित्व को लेकर गंभीर सवाल भी खड़ा किया। उन्होंने कहा, ‘‘मराठवाडा में पानी की कमी अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के समान ही महत्वपूर्ण है लेकिन कोई भी इस विशेष मुद्दे का हवाला देते हुए पार्टी नहीं छोड़ रहा है।’’

राउत ने लिखा, ‘‘भले ही हर जगह सूखा हो, लेकिन भाजपा और शिवसेना में अन्य दलों के नेताओं का तांता लगा हुआ है। राजनीति एक कठिन कला है लेकिन अब कुछ लोगों ने इसे सरल बना दिया है।’’ वह जाहिर तौर पर दल बदलू नेताओं के उस आम राग का जिक्र कर रहे थे कि वे मतदाताओं की खातिर और अपने निर्वाचन क्षेत्रों के विकास के लिए अपने मूल दल को छोड़ रहे है।

राउत ने कहा, ‘‘जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस के बारे में मतभेद हो सकते हैं लेकिन उन्होंने संसदीय लोकतंत्र में शिष्टाचार को बनाये रखा है। वह कांग्रेस ही थी जो आजादी के बाद संसद में शिष्टाचार और परंपराओं से संबंधित कुछ नियम लेकर आयी।’’ राउत ने कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) के गठन के लिए कांग्रेस को श्रेय भी दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘वह जवाहरलाल नेहरू थे जिन्होंने देश में विपक्षी दल के महत्व को पहचाना। जब शुरू में विपक्षी दल कमजोर था, तो वह कहते थे कि उन्हें प्रधानमंत्री की भूमिका निभाने के साथ-साथ विपक्ष के नेता की भूमिका भी निभानी होगी।’’ राउत ने कहा कि यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी नेहरू के नक्शेकदम पर चलते थे। उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई विपक्षी दल नहीं है तो देश का लोकतंत्र कमजोर हो जाता है और राजनीति मनमानी और एकतरफा हो जाती है।’’ 

Web Title: Sena Mouthpiece Hails Nehru, Congress for Upholding Democracy, Has a Word of Caution against Turncoats

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