चीफ जस्टिस एसए बोबडे को मिली जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 31, 2020 05:48 AM2020-07-31T05:48:21+5:302020-07-31T06:08:48+5:30
जेड प्लस कैटेगरी के लोगों की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल संभालता है.
प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. उनकोे अब जेड प्लस सुरक्षा देने का फैसला किया गया है. इससे पूर्व उनकोे जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी. गृह मंत्रालय ने इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की रिपोर्ट के आधार प्रधान न्यायाधीश की सुरक्षा को जेड कैटेगरी से बढ़ाकर जेड प्लस कैटेगरी किया है.
बोबडे पिछले साल अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए बनी सुप्रीम कोर्ट की बेंच का हिस्सा थे. इसके अलावा बोबडे आधार मामले पर सुनवाई के लिए बनी सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच का भी हिस्सा रहे हैं.
नागपुर में जन्मे बोबडे
न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे का जन्म 24 अप्रैल 1956 के दिन महाराष्ट्र के नागपुर शहर में हुआ. वे वकील परिवार से आते हैं और उनके पिता अरविंद श्रीनिवास बोबडे भी मशहूर वकील थे. न्यायमूर्ति शरद बोबड़े ने नागपुर विश्वविद्यालय से कला एवं कानून में स्नातक की उपाधि हासिल की.
वर्ष 1978 में महाराष्ट्र बार परिषद में उन्होंने बतौर अधिवक्ता अपना पंजीकरण कराया. बंबई हाईकोर्ट की नागपुर पीठ में 21 साल तक अपनी सेवाएं देने वाले न्यायमूर्ति बोबड़े वर्ष 1998 में वरिष्ठ अधिवक्ता बने. न्यायमूर्ति बोबड़े ने 29 मार्च 2000 में बंबई हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ ली.
16 अक्तूबर 2012 को वह मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने. 12 अप्रैल 2013 को उनकी पदोन्नति सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में हुई. वरिष्ठता क्रम की नीति के तहत निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने उनका नाम केंद्र सरकार को अपने उत्तराधिकारी के तौर पर भेजा था.
न्यायमूर्ति बोबडे को सीजेआई पद पर नियुक्त करने के आदेश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दस्तखत किए जिसके बाद विधि मंत्रालय ने उन्हें भारतीय न्यायपालिका के शीर्ष पद पर नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की. न्यायमूर्ति बोबडे 17 महीने तक सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश पद पर रहेंगे और 23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त होंगे.