यौन उत्पीड़न मामलाः आसाराम पर 25 अप्रैल को फैसला, जोधपुर में लगी 10 दिनों के लिए धारा 144
By रामदीप मिश्रा | Published: April 21, 2018 02:02 AM2018-04-21T02:02:09+5:302018-04-21T02:03:24+5:30
राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य पुलिस की उस याचिका को मंजूरी दे दी थी जिसमें मामले में फैसला जोधपुर केंद्रीय कारागार से ही सुनाए जाने की गुजारिश की गई थी। आसाराम इसी जेल में बंद हैं।
जोधपुर, 21 अप्रैलः यौन उत्पीड़न मामले में जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद आसाराम को 25 अप्रैल को फैसला सुनाया जाएगा। इसको लेकर आसाराम के अनुयायियों को जोधपुर में जमा होने से रोकने के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। यह निषेधाज्ञा 10 दिनों के लिए लगाई गई है। पुलिस ने बताया कि शहर में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा कल सुबह से 30 अप्रैल की शाम तक लागू रहेगी।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य पुलिस की उस याचिका को मंजूरी दे दी थी जिसमें मामले में फैसला जोधपुर केंद्रीय कारागार से ही सुनाए जाने की गुजारिश की गई थी। आसाराम इसी जेल में बंद हैं।
वहीं, फैसले की तारीख का ऐलान होने के बाद से ही राजस्थान पुलिस सतर्क हो गई है और आसाराम के आश्रमों व जोधपुर आने वाले रेल मार्ग व हवाई मार्गों पर नजर बनाए हुए है।
आपको बता दें कि मंगलवार (17 अप्रैल) को जोधपुर हाईकोर्ट ने राजस्थान पुलिस की ओर से दी गई अर्जी पर सुनवाई करने के बाद फैसला सुनाया था कि आसाराम को फैसला जोधपुर सेंट्रल जेल में ही सुनाया जाएगा। कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रदेश की पुलिस ने राहत की सांस ली थी।
पुलिस विभाग की ओर से दायर की गई अर्जी में आसाराम को जेल में ही फैसला सुनाने का अनुरोध किया था। अर्जी में कहा गया था कि कोर्ट में फैसला सुनाने के चलते राजस्थान में पंचकूला (राम रहीम की सजा के समय) जैसी स्थिति बन सकती है, जिसके बाद कोर्ट ने अर्जी पर सुनवाई कर आसाराम को जेल में ही फैसला सुनाने का फैसला लिया था।
गौरतलब है कि साल 2013 में शाहजहांपुर की 16 वर्षीय लड़की ने आसाराम पर उनके जोधपुर आश्रम में बलात्कार किए जाने का आरोप लगाया था। यह मामला दिल्ली के कमला मार्केट थाने में दर्ज कराया गया था, जिसे बाद में जोधपुर स्थानांतरित कर दिया गया। आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में बंद हैं। आसाराम को सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान और गुजरात में दर्ज मामलों में जमानत देने से इनकार कर दिया था। सूरत में भी दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर बंधक बनाने और रेप का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था।