प्राथमिक विद्यालय में शुरू होगी ‘पीएम पोषण शक्ति निर्माण’ योजना, नीमच-रतलाम रेलवे लाइन, जानिए मुख्य बातें
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 29, 2021 06:36 PM2021-09-29T18:36:52+5:302021-09-29T18:39:48+5:30
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बाल बाटिका से प्राथमिक विद्यालय के स्तर पर सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्रों को पका भोजन उपलब्ध कराने की ‘पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना को बुधवार को मंजूरी दे दी।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 1,095.88 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से नीमच-रतलाम रेलवे लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने घोषणा की।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बाल बाटिका से प्राथमिक विद्यालय के स्तर पर सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्रों को पका भोजन उपलब्ध कराने की ‘पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना को बुधवार को मंजूरी दे दी। ठाकुर ने कहा कि नीमच-रतलाम और राजकोट-कनालूस रेलवे लाइनों के दोहरीकरण से यात्रियों के साथ-साथ पूरे औद्योगिक क्षेत्र को भी लाभ होगा।
स्कूलों में पका भोजन उपलब्ध कराने की ‘पीएम पोषण शक्ति निर्माण’ योजना को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई । शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बताया कि यह योजना पांच वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक के लिये है जिसपर 1.31 लाख करोड़ रुपया खर्च आयेगा।
PM POSHAN scheme will subsume the existing Midday Meal Scheme. The scheme will be run in partnership with State Governments but the major contribution will be of the Central Government: Union Minister Anurag Thakur pic.twitter.com/S65GEyzNCy
— ANI (@ANI) September 29, 2021
केंद्र सरकार 99,061 करोड़ रुपये का खर्च वहन करेगी जिसमें खाद्यान्न की लागत भी शामिल है। उन्होंने बताया कि अभी तक देश में मध्याह्न भोजन योजना चल रही थी और मंत्रिमंडल ने इसे नया स्वरूप दिया है । सीसीईए ने इसे पीएम पोषण योजना के रूप में मंजूरी दी है। प्रधान ने कहा कि पीएम पोषण योजना के दायरे में बाल बाटिका (प्री स्कूल) के बच्चे भी आयेंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों से आग्रह किया गया है कि रसोईयों, खाना पकाने वाले सहायकों का मानदेय प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से दिया जाए । इसके अलावा स्कूलों को भी डीबीटी के माध्यम से राशि उपलब्ध करायी जाए । मंत्री ने कहा कि इससे 11.20 लाख स्कूलों के 11.80 करोड़ बच्चों को लाभ मिलेगा।
मंत्रिमंडल ने ईसीजीसी के आईपीओ को मंजूरी दी, सरकार डालेगी 4,400 करोड़ रुपये की पूंजी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र की निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईसीजीसी) में 4,400 करोड़ रुपये की पूंजी डालने और आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के जरिये इसे शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने की मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार 2021-22 से पांच साल में ईसीजीसी में 4,400 करोड़ रुपये पूंजी डालेगी। उन्होंने यह भी कहा कि 500 करोड़ रुपये तत्काल डाले जाएंगे।
The government will give Rs 4400 cr in form of capital to Export Credit Guarantee Corporation of India (ECGC) enabling Banks to give additional loans of Rs 88,000 cr & ECGC will give cover on that: Union Minister Piyush Goyal pic.twitter.com/bOp40DvS47
— ANI (@ANI) September 29, 2021
कंपनी अगले साल सूचीबद्ध हो सकती है। मंत्री ने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष में 21 सितंबर, 2021 तक निर्यात 185 अरब डॉलर का था। मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता (एनईआईए) योजना जारी रखने और पांच साल में सहायता अनुदान के रूप में 1,650 करोड़ रुपये लगाये जाने को भी मंजूरी दी।
Union Cabinet also approves listing of Export Credit Guarantee Corporation (ECGC) Ltd. through the Initial Public Offer (IPO) on the stock exchange: Union Minister Piyush Goyal pic.twitter.com/6g61m2KRv2
— ANI (@ANI) September 29, 2021
एनईआईए में पूंजी डालने से उन बाजारों में परियोजना निर्यात की क्षमता के उपयोग में मदद मिलेगी, जहां ध्यान दिया जा रहा है। ईसीजीसी का गठन वाणिज्यिक और राजनीतिक कारणों से विदेशी खरीदारों द्वारा भुगतान नहीं होने की स्थिति में निर्यातकों को कर्ज बीमा सेवाएं प्रदान करके निर्यात को बढ़ावा देने के लिए किया गया था।
यह कर्ज लेने वाले निर्यातकों के मामले में जोखिम से बचाव को लेकर बैंकों को भी बीमा प्रदान करती है। ईसीजीसी में पूंजी डाले जाने से कंपनी निर्यात उन्मुख उद्योग खासकर श्रम गहन क्षेत्रों में अपना दायरा बढ़ा सकेगी। देश में निर्यात ऋण बीमा बाजार में 85 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ ईसीजीसी सबसे आगे है।
नीमच-रतलाम और राजकोट-कनालूस रेलवे लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी
कैबिनेट ने 1,095.88 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से नीमच-रतलाम रेलवे लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी दी। नीमच-रतलाम रेलवे लाइन के दोहरीकरण की कुल लंबाई 132.92 किमी है। यह प्रोजेक्ट चार साल में पूरा होगा।
Union Cabinet approves doubling of Nimach-Ratlam railway line at a total estimated cost of Rs 1,095.88 crores and Rajkot-Kanalus railway line at a total estimated cost of Rs 1,080.58 crores: Union Minister Anurag Thakur pic.twitter.com/TWcOQ5O4XG
— ANI (@ANI) September 29, 2021
राजकोट-कनालूस रेल परियोजना के दोहरीकरण की कुल अनुमानित लागत 1,080.58 करोड़ रुपये होगी। दोहरीकरण लाइन की कुल लंबाई 111.20 किमी है। यह प्रोजेक्ट चार साल में पूरा होगा। - नीमच-रतलाम और राजकोट-कनालूस रेलवे लाइनों के दोहरीकरण से यात्रियों के साथ-साथ पूरे औद्योगिक क्षेत्र को लाभ होगा।