प्रयागराज हिंसा: अस्पष्ट है शिकायतकर्ताओं की पहचान, शिकायत के कारण ध्वस्त किया गया था जावेद पंप का घर, रिपोर्ट में खुलासा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 1, 2022 12:47 PM2022-07-01T12:47:26+5:302022-07-01T12:54:04+5:30

जिस पत्र के आधार पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण कार्रवाई करने की बात कह रहा है उसमें तीन लोगों के नाम बताए गए हैं, जिनका पता और किसी मोबाइल नंबर के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी गई है। शिकायती पत्र में लिखा गया है कि शिकायतकर्ता मोहल्ले के सभी सम्मानित जन, लेकिन उनके बारे में मोहल्ले वाले जानते तक नहीं हैं।

SC was told complaint led to Javed Mohmmad house demolition identity of complainants unclear | प्रयागराज हिंसा: अस्पष्ट है शिकायतकर्ताओं की पहचान, शिकायत के कारण ध्वस्त किया गया था जावेद पंप का घर, रिपोर्ट में खुलासा

प्रयागराज हिंसा: अस्पष्ट है शिकायतकर्ताओं की पहचान, शिकायत के कारण ध्वस्त किया गया था जावेद पंप का घर, रिपोर्ट में खुलासा

Highlightsशिकायतकर्ताओं ने अपने पते या संपर्क विवरण का उल्लेख नहीं किया, लेकिन खुद को मोहल्ले के सम्मानित लोग बताया।शिकायत में कहा गया था कि जावेद के घर और यहां बने ऑफिस की वजह से बाकी स्थानीय लोगों को काफी दिक्कत होती है।

नई दिल्ली: पिछले हफ्ते यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा पेश किया था जिसमें कहा गया था कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने अवैध निर्माण और असामाजिक तत्वों द्वारा दौरा किए गए भवन में एक कार्यालय की शिकायत मिलने के बाद जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप के घर को ध्वस्त कर दिया। हलफनामे में शिकायत को एक अनुलग्नक के रूप में शामिल किया गया था, जिसमें शिकायतकर्ताओं की पहचान सराफराज, नूर आलम, मोहम्मद आजम के रूप में की गई थी। 

शिकायतकर्ताओं ने अपने पते या संपर्क विवरण का उल्लेख नहीं किया, लेकिन खुद को मोहल्ले के सम्मानित लोग बताया। वहीं, अब इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, प्रयागराज के करेली इलाके में जे के आशियाना कॉलोनी के मौहल्ले में ध्वस्त घर से 400 मीटर के दायरे में 30 निवासियों से शिकायतकर्ताओं के बारे में पूछा गया तो उनमें से 15 ने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि उन्हें सरकारी कार्रवाई का डर है। वहीं, अन्य 15 ने जवाब दिया कि वो सभी नहीं जानते कि शिकायतकर्ता कौन थे और उनके स्थानीय निवासी होने के बारे में कभी नहीं सुना था।

इसके बावजूद पिछले महीने शिकायतकर्ताओं के दो अलग-अलग पत्रों के आधार पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने हलफनामे के अनुलग्नकों के अनुसार अवैध निर्माण पर प्रतिक्रिया मांगने के लिए दो सप्ताह के भीतर जावेद को दो नोटिस भेजे। ऐसे में बाद में प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने जावेद की ओर से कोई प्रतिक्रिया न होने का हवाला देते हुए विरोध के दो दिन बाद 12 जून को घर को ध्वस्त कर दिया। फिलहाल, इस मामले पर पीडीए जोनल ऑफिसर अजय कुमार ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

नाम न छापने की शर्त पर बोलते हुए पीडीए के एक अधिकारी ने कहा, "हमें कई तरीकों से अवैध निर्माण की जानकारी मिलती है। हम शिकायतकर्ता की साख को नहीं देखते हैं। हम शिकायत पर लिखी गई जानकारी पर कार्रवाई करते हैं।" वहीं, एक अन्य पीडीए अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बोलते हुए कहा, "पूछताछ की गई। आरोप सही पाए जाने पर कार्रवाई की गई।" जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा विध्वंस के खिलाफ एक याचिका के जवाब में यूपी सरकार द्वारा हलफनामा दायर किया गया था।

भाजपा की नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल द्वारा पैगंबर पर टिप्पणी पर हिंसक विरोध के मद्देनजर जावेद के घर को ध्वस्त करने के एक दिन बाद याचिका दायर की गई थी। पुलिस ने जावेद पर कथित तौर पर व्हाट्सएप पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान करने और "मुख्य साजिशकर्ता" होने का आरोप लगाया है। उसे 10 जून को गिरफ्तार किया गया था। 

हलफनामे के साथ संलग्न शिकायत में कहा गया है कि जेके आशियाना कॉलोनी में हाउस नंबर 39सी/2ए/1 पर जावेद द्वारा दो मंजिला इमारत का निर्माण पीडीए से "बिल्डिंग प्लान/मैप" स्वीकृत किए बिना किया गया था। शिकायत में कहा गया था कि जावेद के घर और यहां बने ऑफिस की वजह से बाकी स्थानीय लोगों को काफी दिक्कत होती है। हालांकि, नीय निवासियों ने आरोपों को झूठा बताया। 

Web Title: SC was told complaint led to Javed Mohmmad house demolition identity of complainants unclear

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