चमकी बुखार से बच्चों की मौतों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, मोदी-नीतीश-योगी सरकार से 7 दिनों में मांगा जवाब

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 24, 2019 11:24 AM2019-06-24T11:24:56+5:302019-06-24T11:24:56+5:30

सुप्रीम कोर्ट बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (दिमागी बुखार) से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए केंद्र सरकार को तत्काल चिकित्सा विशेषज्ञों का दल गठित करने का निर्देश देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है। मुजफ्फरपुर में इस बीमारी से अब तक 130 से अधिक बच्चों की मृत्यु हो चुकी है। 

SC issues notice to Centre, Bihar & Uttar Pradesh govts for treatment of children suffering from AES in Muzaffarpur | चमकी बुखार से बच्चों की मौतों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, मोदी-नीतीश-योगी सरकार से 7 दिनों में मांगा जवाब

चमकी बुखार से बच्चों की मौतों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, मोदी-नीतीश-योगी सरकार से 7 दिनों में मांगा जवाब

Highlightsबिहार में चमकी बुखार से अब तक 182 बच्चों की मौत हो चुकी है।बिहार में चमकी बुखार से सबसे ज्यादा मौत मुजफ्फरपुर जिले में हुई है।

बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार यानी अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) से बच्चों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार, बिहार सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से सात दिन में जवाब मांगा है। 

सुप्रीम कोर्ट बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (दिमागी बुखार) से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए केंद्र सरकार को तत्काल चिकित्सा विशेषज्ञों का दल गठित करने का निर्देश देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है। मुजफ्फरपुर में इस बीमारी से अब तक 130 से अधिक बच्चों की मृत्यु हो चुकी है। 

याचिका में केन्द्र को इस महामारी से जूझ रहे बच्चों के प्रभावी इलाज के लिए सभी चिकित्सा उपकरण और अन्य सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है। यह याचिका अधिवक्ता मनोहर प्रताप ने दायर की है। उन्होंने याचिका में दावा किया है कि वह दिमागी बुखार के कारण बीते हफ्ते 126 से ज्यादा बच्चों की मौत से व्यथित हैं। इनमें ज्यादातर बच्चे एक से दस साल की आयु वर्ग के हैं। याचिका में कहा गया है कि बच्चों की मृत्यु सीधे तौर पर बिहार और उत्तर प्रदेश सरकार तथा केन्द्र सरकार की लापरवाही और निष्क्रियता का नतीजा है। 

याचिका के अनुसार यह बीमार हर साल फैलती है और इसे जापानी बुखार भी कहा जाता है। याचिका में दावा किया गया है कि हर साल इस बीमारी से हजारों बच्चों की मौत हो रही है लेकिन सरकारें इसकी रोकथाम के लिये कुछ नहीं कर रही हैं। याचिका में केन्द्र सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह तत्काल चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों का एक बोर्ड गठित करे और स्थिति की समीक्षा करने और आपात स्थिति में मदद के लिये उसे मुजफ्फरपुर भेजे।

इसी तरह शीर्ष अदालत से अनुरोध किया गया है कि केन्द्र और बिहार सरकार को इस आपात स्थिति से निबटने के लिये तत्काल पर्याप्त संख्या में सघन चिकित्सा इकाइयां तैनात करने का निर्देश दिया जाये। याचिका में इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिये सभी संभव कदम उठाने और इसकी रोकथाम एवं प्राथमिक उपचार के बारे में जनता में जागरूकता पैदा करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।

Web Title: SC issues notice to Centre, Bihar & Uttar Pradesh govts for treatment of children suffering from AES in Muzaffarpur

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे